योग-ब्रेक, जानें- क्या है सरकार का प्लान अब काम के दौरान आपको मिलेगा 30 मिनट का योग

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : काम इतना करो कि हमेशा व्यस्त रहो, व्यायाम इतना करो कि हमेशा स्वस्थ रहो। इसी लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मूवमेंट को आयुष मंत्रालय ने एक नए स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। इसी के चलते सरकारी संस्थानों और कारपोरेट जगत में जल्द ही पांच मिनट का वाई ब्रेक या योगा-ब्रेक अनिवार्य हो जाएगा। इन योगासनों से कर्मचारियों का ध्यान दुरुस्त होगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी। इस दौरान काम के घंटों में से सिर्फ पांच मिनट की छुट्टी लेकर कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी होगी।

तनावमुक्त और तरोताजा करने में मिलेगी मदद

कार्यस्थल पर व्यवसायियों को तनावमुक्त और तरोताजा करने में मदद के लिए हल्के-फुल्के योगासन कारगर होने वाले हैं। ताकि विशेष रूप से डेस्क वर्क करने वाले कर्मचारी और अधिकारी घंटों एक ही अवस्था में बैठे रहकर रोगग्रस्त न हो जाएं। विगत सोमवार को आयुष मंत्रालय ने पांच मिनट के वाई ब्रेक का ट्रायल कराया। यह वाई ब्रेक मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के जरिए मंत्रालय ने विकसित कराया है। यहां के प्रख्यात योग विशेषज्ञों की देखरेख में कुछ आसान योगासनों को इसमें समाहित किया गया है।मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ कारपोरेट हाउस जैसे टाटा कैमिकल्स, एक्सिस बैंक और अर्नेस्ट एंड यंग ग्लोबल कंसल्टिंग सर्विसेज समेत करीब 15 संस्थानों ने इस ट्रायल में स्वैच्छिक रूप से हिस्सा लिया है। आयुष मंत्रालय ने इससे पहले सरकारी संस्थानों और अन्य कारपोरेट कंपनियों से अपने कर्मचारियों के लिए अनिवार्य रूप से 30 मिनट का ब्रेक करने की अपील की थी।

फिक्की ने योग-ब्रेक देने का सर्कुलर भी जारी किया

फिक्की ने कंपनियों को अपने कारपोरेट ऑफिसों में अपने कर्मचारियों को योग-ब्रेक देने का सर्कुलर भी जारी किया है। वाई-ब्रेक योगासनों का कोई कोर्स नहीं है। बल्कि यह एक संक्षिप्त मॉड्यूल है। इस योग प्रोटोकाल की प्रक्रिया पर करीब तीन महीने पहले दस प्रख्यात योग विशेषज्ञों ने काम शुरू किया था।

बुकलेट और वीडियो फिल्म भी तैयार की गई

अधिकारियों ने बताया कि इन हल्की-फुल्की कसरतों पर एक बुकलेट और वीडियो फिल्म भी तैयार की गई है। ताकि इन्हें कारपोरेट हाउस में दिखाया जा सके। इसके प्रभाव और दक्षता को परखने के लिए ट्रायल जारी है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कारपोरेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को काम के भारी दबाव से गुजरना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिए पांच मिनट का यह ब्रेक स्ट्रेस दूर करने में सहायक होगा और उनकी कंपनी की उत्पादकता भी बढ़ेगी।

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