सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : खाने-पीने की वस्तुओं में महंगाई को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. मोदी सरकार – Modi Govt ने रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दाल, सब्जियों और अनाज को लेकर एक शानदार योजना तैयार किया है. इसकी मदद से आपूर्ति को मुस्तैद रखने और निगरानी प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने का खाका तैयार है.
पूरे देश की होगी कैलेंडर मैपिंग गृहमंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले मंत्री समूह की बैठक में नया फैसला लिया गया है. मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि पूरे देश में हर एरिया की कैलेंजर मैपिंग हो. इसके तहत कहां क्या पैदा हो रहा है और किस मौसम में पैदा हो रहा है इसकी जानकारी इकट्ठा की जाएगी. साथ ही विभिन्न शहरों और राज्यों में खाद्य सामग्रियों की जरुरत और खपत की भी मैपिंग की जाएगी. सरकार का मानना है कि एक बार इन अहम जानकारियों के मिलने पर अधिकारी समय रहते डिमांड और सप्लाई का ध्यान रख पाएंगे. किसी एक उत्पाद के कमी होने पर तुरंत सप्लाई का फैसला भी लिया जा सकेगा. इससे कालाबाजारी और महंगाई की समस्या से निबटने में मदद मिलेगी.
दाल का बढ़ेगा बफर स्टॉक
कमेटी ने फैसला लिया कि मौजूदा दाल का बफर स्टॉक को 16 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन बनाया जाएगा. इसमें तुअर का 10 लाख टन, उड़द का 4 लाख टन, मंसूर का 1.5 लाख टन, मूंग का 1 लाख टन, चने का 3 लाख टन बफर स्टॉक शामिल है.बताते चलें कि नवंबर के मुकाबले दिसंबर महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़ी है. दिसंबर महीने खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 13.24 फीसदी रही है. जबकि नवंबर में यह 11 फीसदी थी. प्याज की महंगाई दर 455.8 फीसदी रही, जो नवंबर में 172.3 फीसदी थी. इसी तरह दालों की बात करें, तो यह 13.11 फीसदी रही, जो नवंबर में ज्याद यानी 16.59 फीसदी थी. गैर-खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 1.93 फीसदी से बढ़कर 7.72 फीसदी पर आ गई. वहीं मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की बात करें, तो इसकी थोक महंगाई दर -0.25 फीसदी है.