सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की है. इसके बाद अब ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 3 के तहत इंसानों और जानवरों पर इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को औषधि की श्रेणी में रखा जाएगा. यह कानून 1 अप्रैल 2020 से लागू हो जाएगा.
फिलहाल 23 श्रेणियों के मेडिकल उपकरणों ही नियंत्रित
फिलहाल 23 श्रेणियों के मेडिकल उपकरणों को ही दवाओ के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इनमें कार्डियक स्टेंट, ड्रग इल्यूटिंग कार्डियक स्टेंट, कंडोम, सीटी स्कैन, एमआरआई उपकरण, डेफिब्रिलेटर, डायलिसिस मशीन, पीईटी उपकरण, एक्स-रे मशीन समेत कुछ को ही मूल्य नियंत्रण में लाया गया है.
अधिसूचना जारी होने के बाद एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री (AiMeD) के फोरम कोऑर्डिनेटर राजीव नाथ ने मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर की सेक्रेटरी प्रीति सुडान को मेल कर उनसे मिलने का समय मांगा है.इंसानों और जानवरों पर इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरणों को औषधि की श्रेणी में ला दिया गया है. चिकित्सा उपकरण संशोधन नियम 2020 को भी जारी किया गया है. जिसमें चिकित्सा उपकरणों के रजिस्ट्रेशन को जरूरी बनाया गया है. सभी चिकित्सा उपकरणों को औषधि श्रेणी में लाने का उद्देश्य यह है कि ये गुणवत्ता के मानदंडों को पूरा कर सकें. साथ ही चिकित्सा उपकरण बनाने वाली कंपनियों को उनके उत्पाद के लिए और अधिक जवाबदेह बनाना है ताकि वे उनकी गुणवत्ता पर ध्यान दें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 की धारा तीन के खंड (ब) के उपखंड (चार) के तरत सभी तरह के मेडिकल डिवाइस को मंगलवार को ड्रग्स के रूप में अधिसूचित किया है.