दिव्यांगों को हर प्रकार से न्याय दिलाने के लिए योग्य है यह अधिनियम जानिए क्या है अधिनियम

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  दिव्यांगों को इस अधिनियम के तहत भी मिल सकता है सभी प्रकार करने न्याय नागरिक अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 1955: भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 के अनुसरण में, अस्पृश्यता (अपराध) अधिनियम, 1955 को अधिनियम बनाया गया और 08.05.1955 को अधिसूचित किया गया। इसके बाद, वर्ष 1976 में इसे “नागरिक अधिकार अधिनियम, 1955 का संरक्षण” के रूप में संशोधित किया गया। इस अधिनियम के तहत नियम, “नागरिक अधिकारों के नियमों, 1977 की सुरक्षा” को 1977 में अधिसूचित किया गया था। यह अधिनियम पूरे भारत में फैला हुआ है और अस्पृश्यता के अभ्यास के लिए दंड प्रदान करता है। यह संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1955 के कार्यान्वयन के लिए राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता प्रदान की जाती है।

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