सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार पटना : दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन – (1) विनिर्दिष्ट दिव्यांगताग्रस्त कोई व्यक्ति प्रारूप 4 में दिव्यांगता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकेगा और निम्नलिखित को आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा-
(क) उस जिले, जिसमें आवेदक निवास करता है, जैसा कि आवेदन में आवास के सबूत के रूप में वर्णन किया गया है, का कोई चिकित्सा प्राधिकारी या कोई अन्य अधिसूचित सक्षम प्राधिकारी, या
(ख) किसी सरकारी अस्पताल में संबंधित चिकित्सा प्राधिकारी, जिसमें उसने अपनी दिव्यांगता के संबंध में वह उपचार करा रहा है या उसने उपचार कराया है,
परंतु जहां दिव्यांगजन कोई अल्पव्य है या बौद्धिक दिव्यांगता से ग्रस्त है या किसी ऐसी दिव्यांगता से ग्रस्त है जो उसे स्वयं ऐसा आवेदन करने में अनफिट या असमर्थ बनाती है तो उसके निमित्त आवेदन उसके विधिक अभिभावक या इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत ऐसे संगठन द्वारा किया जा सकेगा, जिसकी देखभाल के अधीन अल्पवय है ।
(2) आवेदन के साथ निम्नलिखित संलग्न होंगें –
(क) निवास का सबूत,
(ख) दो नवीनतम पासपोर्ट आकार के फोटो, और
(ग) आधार नंबर या आधार नामांकन नंबर, यदि कोई हो ।
टिप्पण, आवेदक से निवास का कोई अन्य सबूत अपेक्षित नहीं होगा, जिसके पास आधार या आधार नामांकन संख्या है ।
18 दिव्यांगता प्रमाणपत्र का जारी किया जाना-
(1) नियम 17 के अधीन ऑनलाइन आवेदन की प्राप्ति पर चिकित्सा प्राधिकारी आवेदक द्वारा यथा प्रस्तुत सूचना का सत्यापन करेगा और केंद्रीय सरकार द्वारा जारी सुसंगत मार्गदर्शक सिद्धांतों के निबंधनों में दिव्यांगता का पता लगाएगा तथा स्वयं का यह समाधान हो जाने पर कि आवेदक दिव्यांगजन है, यथास्थिति, प्रारूप 5, प्रारूप 6 और प्रारूप 7 में उसके पक्ष में दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करेगा ।
(2) चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा आवेदन की प्राप्ति की तारीख से एक मास के भीतर दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा ।
(3) सम्यक् जांच के पश्चात् चिकित्सा प्राधिकारी-
(i) उन मामलों में स्थायी दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करेगा, जहां दिव्यांगता की डिग्री में समय के साथ परिवर्तन की कोई संभावना नहीं है, या
(ii) उन मामलों में, जहां समय के साथ दिव्यांगता के स्तर में परिवर्तन की संभावना है, अस्थायी दिव्यांगता प्रमाणपत्र देगा और प्रमाणपत्र की विधिमान्यता की अवधि को उपदर्शित करेगा ।
(4) यदि किसी आवेदक को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करने के लिए पात्र नहीं पाया जाता है तो चिकित्सा प्राधिकारी लिखित में कारणों से उसे प्रारूप 8 में आवेदन की प्राप्ति की तारीख से एक मास की अवधि के भीतर सूचित करेगा ।
(5) राज्य सरकार और संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन यह सुऩिश्चित करेंगे कि किसी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र उस तारीख से मंजूर किया जाता है, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित की जाए ।
19 नियम 18 के अधीन जारी प्रमाण पत्र का साधारणतया सभी प्रयोजनों के लिए विधिमान्य होना –
नियम 18 के अधीन जारी कोई प्रमाणपत्र किसी व्यक्ति को सरकार और सरकार द्वारा वित्तपोषित गैर-सरकारी संगठनों की स्कीमों के अधीन अनुज्ञेय प्रसुविधाओं, रियायतों फायदों हेतु आवेदन करने में समर्थ करेगा ।
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