सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :केंद्र सरकार जीएसटी नेटवर्क को पहले के मुकाबले ज्यादा चुस्त और दुरुस्त बनाने की तैयारी में है। इसमें तकनीकी मदद से ऐसी सिस्टम बनाया जाएगा, जो लगातार 2माह तक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले कारोबारियों को ई-वे बिल जेनरेट नहीं करने देगा। ऐसे में जीएसटी रिटर्न दाखिल न करना कारोबारियों को महंगा पड़ सकता है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि जैसे ही यह प्रणाली शुरू होगी। इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
टैक्स चोरी में मिलेगी मदद
अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से जीएसटी चोरी पर लगाम लगेगी। बता दें कि पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के दौरान जीएसटी चोरी/जीएसटी नियमों के उल्लंघन के 3626 मामले सामने आए थे।जांच अधिकारियों को सूचना मिली कि कुछ ट्रांसपोर्टर्स सिंगल ई-वे बिल जेनरेट कर कई ट्रिप लगा रहे हैं। ऐसे में ई-वे बिल को फास्टैग से जोड़ा जाएगा। इससे वाहनों के लोकेशन के साथ ही वाहन कितनी बार एनएचएआई के टोल प्लाजा से गुजरा है। इसकी जानकारी भी हासिल की जा सकेगी। अप्रैल 2018 में लागू हुई थी ई-वे बिल प्रणाली
टैक्स चोरी रोकने के लिए 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के माल की अंतरर्राज्यीय ढुलाई के लिए एक अप्रैल, 2018 को E-WAY बिल लागू किया गया था। वही राज्यों के भीतर 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के माल की ढ़ुलाई पर के लिए 15 अप्रैल, 2019को ई-वे बिल लागू किया गया था।