ट्रेन के आगे जब सिग्नल क्लियर रहता है तो फिर भी स्टेशन मास्टर झंडी क्यों दिखाता है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : ट्रेन जब किसी स्टेशन से थ्रो पास हो रही होती है तो स्टेशन मास्टर अपने बाँये हाथ में खुली हुयी हरी झंडी और दाँयें हाथ में बन्द लाल झंडी लेकर प्लेटफॉर्म पर खड़ा होकर ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड के साथ आल राइट सिगनल एक्सचेंज करता है।

आल राइट का मतलब है कि ट्रेन के साथ सब कुछ ठीक है, आप आगे बढ़ो। लेकिन जैसे ही स्टेशन मास्टर को ट्रेन में कुछ अनयूसुअल दिखता है वह हरी झंडी दिखाना बंद करके लाल झंडी दिखाने लगता है, जिसे गार्ड देखकर अपने ब्रेकवान से ही ब्रेक लगाता है। स्टेशन मास्टर तुरंत सिगनल भी उठा देता है ताकि लोकोपायलट ट्रेन रोक ले। फिर सब मिलकर ट्रेन में क्या खराबी है, यह देखते हैं। यदि उनके ठीक करने लायक हो तो ठीक कर के गाड़ी चला देते हैं। नहीं तो उस खराबी वाली वैगन या कोच को शंटिंग करके स्टेशन पर ही काट देते हैं।

यह सिगनल एक्सचेंज ट्रेन के दोनों तरफ से होता है। दूसरी ओर स्टेशन मास्टर पाइंट्स मैन को भेजता है।

Check Also

कितने मानव अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है?

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं …