हॉस्पिटल का परिभाषा है भ्रष्टाचार।

सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : स्वास्थ्य विभाग के मिशन 60 और मिशन परिवर्तन के तहत श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल की चिकित्सा सेवा एवं व्यवस्था में हुए सुधार पर एक बार बुरा असर पड़ने लगा है. अस्पताल में पिछले तीन महीनों से अधीक्षक नहीं होने के कारण कार्यालय तथा मरीज हित के कई रुके हैं. लेंस की खरीद नहीं होने से आंखों का आपरेशन प्रभावित हो गया है प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों का होने वाला आपरेशन घट कर दो-तीन पर पहुंच गया है. अधिकांश मरीजों को अस्पताल से लौटना पड़ रहा है. इस कमी का लाभ अस्पताल में सक्रिय दलाल उठा रहे हैं तीन डॉक्टर हैं कार्यरत अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार नेत्र रोग विभाग में तीन डाक्टर कार्यरत हैं. फेको और सामान्य दोनों विधि से आपरेशन करने की सुविधा है. लंबे समय से 20 और 24 नंबर का लेंस ही अस्पताल में बचा है. जिन मरीजों से इस लेंस का मिलान हो पा रहा है केवल उन्हीं की आंखों का आपरेशन किया जा रहा है. शेष गरीब मरीजों को लौटाया जा रहा है डाक्टरों ने बताया कि एक दिन में 25 से अधिक मरीजों का आपरेशन किया जाता था अब यह संख्या घट कर दो-तीन रह गई है. कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व अधीक्षक डा. आर आर चौधरी के 31 मार्च को सेवानिवृत होने के बाद डा. आरिफ अब्दुल्लाह को कार्यकारी अधीक्षक बनाया गया लेकिन इन्हें वित्तीय अधिकारी नहीं दिए जाने के कारण कई तरह के काम रुके हैं. अस्पताल अधीक्षक का दायित्व पटना के सिविल सर्जन निभा रहे हैं लेंस की कमी हो गई है इसकी खरीद के लिए रोगी कल्याण समिति की बैठक होगी. उसी में अनुमोदन होगा. इस बारे में जिलाधिकारी से बातचीत की गई है. जो लेंस है उससे आपरेशन हो रहा है डा. मिथिलेश प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन सह अचीक्षक, सदर अस्पतााल।

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