दिव्यांग अधिकार अधिनियम क्या है पूजा खेडकर, आईएएस कौन है।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : महाराष्ट्र की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, प्रोबेशन पर चल रहीं आईएएस पूजा खेडकर इन दिनों अपनी कथित मांग को लेकर काफी चर्चा में हैं. इस बीच यह भी पता चला है कि ओबीसी आरक्षण के जरिए 2022 बैच में आईएएस अधिकारी के पद पर उनका चयन हुआ था वह पूरी तरह फर्जी है. पुणे में तैनात खेडकर को मंगलवार को महाराष्ट्र के वाशिम में ट्रांसफर कर दिया गया था. आईएस पूजा ने पुणे में सहायक कलेक्टर के रूप में शामिल होने से पहले वीआईपी मांगें कीं जिसमें एक अलग कार्यालय, कार, आधिकारिक निवास और कर्मचारी शामिल हैं रिपोर्ट के मुताबिक उनकी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति की जांच में पता चला है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. रिपोर्ट के अनुसार, उनके परिवार की संपत्ति करीब 60 करोड़ रुपये है, जिसमें उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपये और उनके पास 17 करोड़ रुपये हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, खेडकर ने जिस ओबीसी और विकलांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाई थी, वह फर्जी पाया गया है. इसके लिए अप्रैल 2022 में विकलांगता प्रमाण पत्र को प्रमाणित करने के लिए उन्हें एम्स में अनिवार्य जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे दरकिनार कर दिया गया पूजा खेडकर ने साल 2019 में जनरल कैटेगरी के तहत यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम दिया था, जिसमें कम मार्क्स आने पर उनका चयन आईएएस पद के लिए नहीं हो पाया था. उन्होंने दोबारा दिव्यांग कैटेगरी के तहत यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई, लेकिन उन्हें फरवरी 2022 को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई थी. इस रोक के बाद उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज करते हुए खुदको दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा पेश किया था. इसके बाद कोर्ट ने सितंबर 2022 के बीच उन्हें मेडिकल जांच के लिए चार मरतबा आदेश दिया था. साल 2023 में आखिरकार कोर्ट में विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत, अपनी विकलांगता साबित कर नियुक्ति पत्र पाने में वह सफल रहीं. पूजा ने यूपीएससी एग्जाम ऑल इंडिया रैंक में 841वां स्थान प्राप्त किया था.

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