मताधिकार भारत में दिव्यांगों के अधिकार और कानून क्या है Google

सर्वप्रथम न्यूज़ : तोशियास सचिव सौरभ कुमार राष्ट्रपति कर्यालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय से यह निवेदन किया की दिव्यांगों को जो चुनाव आयोग के द्वारा जो संवैधानिक अधिकार प्राप्त है वह उन्हें मिलना चाहिए उसके परिणाम स्वरूप लिखित सर्कुलर का पालन करवाने के लिए चुनाव आयोग ने पटना बिहार में यह पहल किया है जिससे बिहार के सभी दिव्यांग और भारत के सभी दिव्यांग अपने अधिकार से जुड़ पाएंगे अपने संवैधानिक अधिकार का लाभ उठाएंगे दिव्यांगों के लिए बनेगा रैंप, सेक्टर पदाधिकारियों से मांगी गयी सूची जिले में सभी 4877 मतदान केंद्रों की होगी मैपिंग पर लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव में वोटरों को मतदान केंद्रों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उसकी मैपिंग होगी. साथ ही मतदान केंद्रों पर वोटरों के लिए न्यूनतम सुविधाओं की तैयारी को लेकर जायजा लिया जा रहा है. जिले में मतदान केंद्रों की संख्या 4877 है. मतदान केंद्रों पर सुविधाओं को देखने के लिए, 506 सेक्टर पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उन्हें ऐसे मतदान केंद्रों की सूची भेजने का निर्देश मिला है, जहां सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर काम होना है. जिला प्रशासन की ओर से मतदान केंद्रों स्वच्छ पेयजल, शौचालय, रैंप विद्युत, साइनेज, हेल्प डेस्क आदि की व्यवस्था रहेगी. मतदान केंद्रों पर वोट करने के लिए जानेवाले दिव्यांगों व बुजुर्गों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए रैंप का निर्माण होगा, बुजुर्गों को भी सीढ़ी से जाने की अपेक्षा रैंप से जाने में सुविधा होगी. जिस मतदान केंद्रों पर दिव्यांग व बुजुर्ग वोटर को जाने में परेशानी होगी, उन जगहों पर रैंप का निर्माण किया जायेगा. इसके लिए सूची मांगी जा रही है. पूरे जिला में पोलिंग स्टेशन लोकेशन की कुल संख्या 2937 है. सेक्टर पदाधिकारियों को मतदान केंद्रों का लगातार भ्रमण करना, मतदान केंद्रों के पहुंच पथ का निरीक्षण, मतदान केंद्रों का व्यापक प्रचार करना सहित अन्य काम भी पटना, डीएम ने सोमवार को सभागार में तैयारियों की पदाधिकारियों महत्वपूर्ण है. की कोताही इस बार होगी इवीएम सामग्री मिलेगी. द्वारा प्रेस नोट आचार संहिता शीर्षत कपिल अशोक समाहरणालय स्थित लोकसभा चुनाव की समीक्षा की. उन्होंने से कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार इवीएम मैनेजमेंट, भंडारण, सुरक्षा, सीलिंग, मतदान-मतगणना आदि काफी इसमें किसी भी प्रकार बर्दाश्त नहीं की जायेगी. पीसीसीपी की व्यवस्था नहीं व अन्य महत्वपूर्ण पीठासीन पदाधिकारी को ही डीएम ने कहा कि चुनाव आयोग जारी होते ही आदर्श प्रभावी हो जायेगी निर्वाचन में संलग्न सभी पदाधिकारी देखना है चुनाव सामग्री पीठासीन पदाधिकारी को ही मिलेगी डीएम लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रतिनियुक्ति की तारीख से निर्वाचन परिणाम घोषित किये जाने की तारीख तक प्रतिनियुक्त समझे जायेंगे. उस अवधि के दौरान चुनाव आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण व अनुशासन के अधीन कार्यरत रहेंगे. चुनाव: भाव में निष्पक्षता के साथ कार्य करना है. चुनाव कार्य के लिए 5242 कार्यालयों व उपक्रमों से 40 हजार से अधिक कर्मियों की विवरणी की इंट्री पोर्टल पर की गयी है।

 

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