प्रधानमंत्री उड़ान योजना की जानकारी दिव्यांगों के द्वारा

सर्वप्रथम न्यूज़  सौरभ कुमार  पटना : उड़ान योजना भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा शुरू की गईयोजना है, जिसे क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क योजना भी कहाजाता है, स्कीम की पहल आम लोगों को हवाई जहाजयात्रा की सुविधा कम पैसे में मुहैया कराने की कोशिश मेंकी गयी है. यह योजना नई दिल्ली में केन्द्रीय सिविलएविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू द्वारा 21 अक्टूबरसन 2016 को लोंच की गई. लेकिन इस योजना कीशुरुआत अप्रैल 2017 से हुई है और 10 साल तक कीअवधि के लिए इस योजना में ऑपरेशन होगा. इस योजनाका मुख्य उद्देश्य कम कीमत की हवाई टिकटों को उपलब्धकराना है. UDAN का पूरा नाम “उड़े देश का आमनागरिक” है. यह योजना लोगों के लिए सस्ती उड़ान बनानेके लिए है जोकि यात्रा करना चाहते है और देश के 2 टायरया 3 टायर शहरों में यहाँ – वहाँ जाना चाहते हैं. तात्कालिक समय में हुई घोषणा के अनुसार आम आदमीमहज 2500 रूपए में हवाई जहाज का टिकट बुक करासकता है. इस योजना के तहत शुरू होने वाली पहलीफ्लाइट दिल्ली और कलकत्ता के मध्य उड़ने वाली है. यहाँइस योजना से जुडी सभी जानकारियां दी जायेंगीं.

भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने गत 27 अप्रैल कोउड़ान स्कीम के तहत शिमला से दिल्ली की पहली फ्लाइटका उद्घाटन किया. इस स्कीम की शुरुआत गत वर्ष 2016 में शुरू हुई रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत की गयी. इस स्कीम की सहायता से सरकार देश के छोटे –छोटेशहरों को भी हवाई जहाज की सुविधा से जोड़ना चाहतीहै. योजना के नाम का शब्द ‘उड़ान’ का फुल फॉर्म ‘उड़े देशका आम नागरिक’ है. इस योजना के तहत सरकार फ्लाइटफेयर कम करेगी तथा कई ऐसी जगहों पर हवाई अड्डों कानिर्माण कराएगी, जहाँ फिलहाल हवाई अड्डे नहीं बन पाएहैं. इस योजना के तहत ग्राहकों को 500 किमी की दूरी एकघंटे में तय कराई जायेगी, जिसकी टिकट की क़ीमत 2500 रूपए होगी. इस स्कीम में 128 रूट और 5 ओपरेटरों कोशामिल किया गया है|

  • उड़ान योजना, मौजूदा एयर – स्ट्रिप्स औरएयरपोर्टस के रिवाइवल के माध्यम से अन – सर्व्डऔर इसके तहत कार्य करने वाले एयरपोर्टस मेंकनेक्टिविटी प्रदान करना चाहती है.
  • यह पहली इस तरह की खास योजना है जोअफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी, वृद्धी और विकास कोसुनिश्चित करेगी. इसका लक्ष्य सन 2022 तक 80 लाख से 3 करोड़ तक की टिकेट की मात्रा में वृद्धीकरना है.
  • इस क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के तहत एक बाजारआधारित मैकेनिज्म को विकसित किया जायेगा, जिसके तहत विमान सेवाएँ सीट सब्सिडीस के लिएहोगी.
  • एयरलाइन ऑपरेटर्स में 40 सब्सिडीड सीटों केलिए बोली लगाई जाएगी और कम से कम 9 सीटेंहोंगी. यहाँ 50% सीटें बाजार आधारित मूल्य कीहोंगी.
  • क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती और आर्थिक रूप सेव्यावहारिक विकल्प एवं लाभदायक उड़ाने उपलब्धहोगी. ये उड़ानें भारत के मध्यम वर्गीय लोगों के लिएअफोर्डेबल होगी जो छोटे शहरों के है.
  • इसके तहत एयरलाइन्स में कनेक्टिविटी के लिए एवंबड़ी विमान सेवाओं के साथ कोड शेयरिंग में प्रवेशकरने के लिए पूरी स्वतंत्रता होगी, और इन्हें विभिन्नएयरपोर्ट चार्जेज से मुक्त रखा जायेगा.
  • एयरलाइन्स में एक विशेष क्षेत्रीय मार्ग पर उड़ानभरने के लिए तीन साल के लिए विशेष अधिकारदिया जायेगा. क्षेत्रीय उड़ानों के लिए इन मार्गों परहवाई किराया 1 घंटे के लिए 2500 रूपये होगा.

उड़ान स्कीम का उद्देश्य:-

इस स्कीम के अंतर्गत सरकार के कई मुख्य उदेश्य शामिलहैं, स्कीम की ख़ास बातें नीचे दी जा रही हैं-

  • उड़ान स्कीम की घोषणा साल 2016 में भारतसरकार के एविएशन मंत्रालय द्वारा की गयी थी, जिस पर इस साल अमल शुरू किया गया है.
  •  इस योजना के तहत सरकार देश को रीजनलकनेक्टिविटी देना चाह रही है. योजना के अनुसारइसके फ्लाइट्स अधिकतम 800 किमी की दूरी तयकरेंगे.
  • इस योजना के तहत देश के 43 शहरों को फ्लाइट्ससे जोड़े जाने की खबर है. साथ ही इससे ऐसेलगभग 12 एअरपोर्ट जोड़े जायेंगे, जो अनियमितरूप से चल रहे हैं. इसके साथ 31 ऐसी जगहेंसक्रीय हो पाएंगी, जहाँ एअरपोर्ट तो है किन्तुउसका उपयोग नहीं हो पा रहा है.
  • इस योजना के तहत एयर इंडिया सबसीडरीअलायन्स पहली एयर लाइन बनी, जिसने इसयोजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच हवाईजहाज चलाई. अलायन्स एयर की तरफ से इसयोजना के तहत 48 सीटों वाली एटीआर -42 रेगुलर बेसिस पर उड़ान भरेगी. ये सभी फ्लाइट्सइकनोमिक क्लास की होंगीं.
  •  छोटी रन वे लम्बाई, ऊंचाई और तामपान सीमओंकी वजह से फ्लाइट की 48 सीट्स ही बुक नहींकरायी जाएँगी. अर्थात हवाई जगह में पूरी तरह से48 सीटों पर लोग सफ़र नहीं कर पाएंगे. दिल्लीशिमला रूट में फ्लाइट अपनी पहली उड़ान केसमय 35 और वापसी के समय 15 पैसेंजेर कोलेकर उड़ान भरेगी. इस दौरान खाली रहने वालीसीटों पर प्रति सीट 3000 रूपए का वीजीएफ़ जारीकरेगी. वीजीएफ़ का वहन सरकार ही करेगी.
  • इस वीजीएफ़ का प्रयोग एयरलाइन के नियमन केलिए तथा अन्य खर्चों के रूप में किया जायेगा. एयरलाइन के लिए सालाना 205 करोड़ के खर्च कीबात कही गयी है. इस कार्य के लिए 19 राज्य औरतीन केन्द्रशासित प्रदेशों ने एक एमओयू साइनकिया है.
  • इस योजना में राज्य सरकारों की भूमिका अहम् है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों से आवश्यकतानुसारज़मीन, अच्छी सुरक्षा व्यवस्था, कम पैसे में एयरपोर्टके लिए आवश्यक सर्विस देने की बात कही है. केंद्रसरकार राज्य सरकारों से मुफ्त में आरसीएसएअरपोर्ट के लिए ज़मीन की मांग कर रही है. इसयोजना में वीजीएफ़ में राज्य सरकार की 20 प्रतिशत तथा देश के उत्तरपूर्वी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी.
  • ये स्कीम नेशनल सिविल एविएशन पालिसी काएक हिस्सा है, जिसकी औपचारिक घोषणा 15 जून2016 को हुई थी.

उड़ान योजना की विशेषता – 

उड़ान योजना की विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  • यह योजना सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक जीतकी स्थिति प्रदान करेगी.
  • नागरिकों को अधिक जॉब्स के अवसर मिल जायेगेंएवं यह अफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी और अधिकरोजगार के लिए भी लाभकारी होगी.
  • राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास कालाभ प्राप्त होगा.
  • इससे व्यापार, वाणिज्य और अधिक पर्यटन विस्तारमें वृद्धी होगी.
  •  इन्कम्बेंट एयरलाइन्स के लिए नये मार्गों का वादाकिया गया है और अधिक यात्रियों के लिएएयरलाइन्स शुरू हुआ है, एवं यहाँ नये स्केलेबलव्यापार के अवसर भी हैं.
  • एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, मूल उपकरण निर्माताओं केरूप में अपने व्यवसाय का विस्तार भी देखेंगे.

कैसे उड़ान योजना अपने लक्ष्य को पूरा करेगी? 

उड़ान योजना अपने लक्ष्य को निम्न प्रकार से पूरा करेगी. 

  • केंद्र एवं राज्य सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, एयरलाइन्स के लिए कन्सेशन के रूप मेंफाइनेंसियल प्रोत्साहन प्रदान करेंगे.
  • वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के मैकेनिज्म द्वारा, कुछ एयरपोर्ट्स से किक –ऑफ ऑपरेशन्स करनेके लिए इंट्रेस्टेड एयरलाइन्स को उपलब्ध करायाजायेगा.
  • इस योजना के तहत VGF आवश्यकताओं को पूराकरने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फण्ड (RCF) बनाया जायेगा. कुछ घरेलू उड़ानों के लिए RCF लेवी प्रति डिपार्चर लागू किया जायेगा.

 

 

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