सवप्रथम न्यूज विकाश कुमार ः चुनाव से ठीक पहले यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की मुश्किल बढ़ सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई से ब्योरा मांगा है कि इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की स्थिति क्या है. ये याचिका कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दाखिल की है. कोर्ट ने सीबीआई से कहा की दो हफ्ते के अंदर इस मामले का स्टेटस रिपोर्ट जमा करें. रिपोर्ट के आधार पर आगे कि सुनवाई होगी. चुनावी मौसम में बरसों से ठंडे पड़े इस मुकदमे में अब नई
आज सुनवाई के दौरान मुलायम के वकील ने कोर्ट से कहा कि ये मामला इस समय राजनीतिक कारणों से उठाया गया है. लेकिन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि चुनाव की वजह से इस मामले को लटकाया नहीं जा सकता है. हम तो सिर्फ ये जानना चाहते हैं कि क्या सीबीआई ने कोई प्राथमिकी दर्ज की है और अगर की है तो उसकी जांच की स्थिति क्या है.
2007 में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि प्रथम दृष्टि मुलायम सिंह यादव उनके बेट अखिलेश यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है. उस वक़्त कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि वह इस मामले में कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. तीनों ने कोर्ट के आदेश को पुनर्विचार याचिका के जरिए चुनौती दी थी जिसे 2012 में खारिज कर दिया गया था.
गौरतलब है कि अदालत ने सीबीआई को जांच के आदेश नहीं दिए थे. जब सीबीआई ने खुद कहा था कि मुकदमा दर्ज करने के लिए सबूत हैं तो कोर्ट ने सीबीआई को उचित कार्रवाई के आदेश दिए थे. लेकिन तब से ये मामला ठंडे बस्ते में पड़ा था. पिछले महीने याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल कर कहा कि वह इस मामले में सीबीआई में शिकायतकर्ता है. लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है कि सीबीआई ने इस मामले में किया क्या है. इसलिए अदालत खुद सीबीआई से पूछे कि आखिर इस मामले में हुआ क्या है.