सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार पटना: केंद्र सरकार द्वारा लगातार घटते भूजल के संकट का सामना करने हेतु जल संरक्षण की महत्वाकांक्षी योजना ‘अटल भूजल योजना’ (Atal Bhujal Yojana) तैयार की गई है।
उद्देश्य
योजना का उद्देश्य भूजल का पुनर्भरण करना और कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त जल भंडारण करना है।
साथ ही सतह जल निकायों का पुनरूद्धार करना ताकि विशेषरूप से ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर बढ़ाया जा सके।
महत्वपूर्ण तथ्य
अटल भूजल योजना का कार्यान्वयन केंद्रीय जल संसाधान मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
योजना का कार्यान्वयन गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार ,कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और प्रदेश में किया जाएगा।
योजना के तहत उपर्युक्त राज्यों के 78 जिलों, 193 ब्लॉकों और 8300 से अधिक ग्राम पंचायतों को आच्छादित किया जाएगा।
योजना के लिए आवंटन 6000 करोड़ रुपये है, जिसमें से 3000 करोड़ रुपये बजटीय सहायता और 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक से प्राप्त होगा।
योजना की कार्यान्वयन अवधि 5 वर्ष की होगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17 के बजट में ‘राष्ट्रीय भूजल प्रबंध सुधार योजना’ (NGMIS : National Groundwater Management Improvement Scheme) की घोषणा की गई थी।
मई, 2017 में व्यय वित्त समिति द्वारा योजना को बंद कर दिया गया था।
तत्पश्चात योजना को पुनर्निर्मित करते हुए इसका नामकरण ‘अटल भूजल योजना’ किया गया।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष लगभग 245 बिलियन घन मीटर भूजल का दोहन किया जाता है जो कि सकल वैश्विक भूजल दोहन का लगभग 25 प्रतिशत है।
विगत 4-5 दशकों में भारत में शहरी एवं ग्रामीण जलापूर्ति का 80 प्रतिशत भूजल पर निर्भर है।
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