एनएसएफडीसी की योजनायें

सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-

भूमिका

एनएसएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का निजी उपक्रम है तथा इसका प्रबंधन केन्द्रीय सरकार, राज्य स्तरीय चैनेलाइजिंग अभिकरणों, वित्तीय संस्थानों व अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों के हित में अपनी सेवा प्रदान करने में प्रसिद्ध प्रमुख व्यक्तियों के प्रतिनिधित्व में गठित निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है। एनएसएफडीसी का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा के दुगुने से कम पर जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति परिवारों के व्यक्तियों के कौशल उन्नयन सहित आर्थिक सशक्तिकरण के लिए वित्त पोषित करना है।

एनएसएफडीसी की योजनायें

एनएसएफडीसी की योजनाओं में ऋण आधारित योजनाएं और ऋणोंत्तर आधारित योजनाएं प्रमुख है जिसकी जानकारी उपलब्ध कराई गयी है I

ऋण आधारित योजनाएं

 

यूनिट लागत और ब्याज दर

क्रम. सं. योजना योजना लागत

(लाख रूपयों में)

प्रभारित वार्षिक ब्याज दर

 

      राज्य चैनेलाइजिंग

एजेंसी

लाभार्थीगण
(i) मियादी ऋण (क) रु.5.00 लाख तक 3% 6%
(ii) मियादी ऋण (ख) रु. 5.00 लाख से अधिक व रु.10.00 लाख तक 5% 8%
(iii) मियादी ऋण (ग) रु.10.00 लाख से अधिक व रु. 20.00 लाख तक 6% 9%
(iv) मियादी ऋण (घ) रु.20.00 लाख से अधिक व रु.30.00 लाख तक 7% 10%
(v) लघु ऋण वित्त0 रु.0.50 लाख तक 2% 5%
(vi) महिला समृद्धि योजना रु.0.50 लाख तक 1% 4%
(vii) महिला किसान योजना रु.0.50 लाख तक 2% 5%
(viii) शिल्पी0 समृद्धि योजना रु. 0.50 लाख तक 2% 5%
(ix) लघु व्यिवसाय योजना रु. 2.00 लाख तक 3% 6%
(x) नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना (एनएएसवाई)* एनएसएफडीसी की कोई भी योजनाओं के अंतर्गत 1% 4%
(xi) शिक्षा ऋण योजना कोर्स की पूरी लागत का 90% तक अथवा रु. 10.00 लाख तक (भारत में) और रु. 20.00 लाख तक (विदेश में), जो भी कम हो । 1.5%

(1% महिला लाभार्थी)

4%

(3.5% महिला लाभार्थी)

 

(xii) वोकेशनल शिक्षा और प्रशिक्षण ऋण योजना

 

100% तक

छ: माह से एक वर्ष तक की अवधि के कार्स के लिए 1.00 लाख

एक वर्ष से दो वर्ष तक की अवधि के कार्स के लिए 1.50 लाख

1.5%

(1% महिला लाभार्थी)

4%

(3.5% महिला लाभार्थी)

 

(xiii) हरीत व्यव्साय योजना रु. 1.00 लाख तक रु.1.00 लाख से अधिक व रु. 2.00 लाख तक 1%

2%

2%

5%

(xiv) अजीविका लघु वित्त योजना(महिला लाभार्थियों को 1% छूट) रु. 0.60 लाख तक 5% 13%

 

महिला लाभार्थियों को 0.5% छूट

मियादी ऋण

इकाई लागत

अनुविनि 30.00 लाख तक की लागत वाली परियोजना (परियोजनाओं)/इकाई (इकाइयों) के लिए मियादी ऋण उपलब्ध कराता है ।

सहायता की प्रमात्रा

अनुविनि परियोजना लागत का 90 % तकं मियादी ऋण उपलब्ध कराता है बशर्तें किं राज्य सारणी अभिकरण अपनी योजनाओं के अनुसार अपनी सहायता राशि के हिस्से का अंशदान करें तथा यह अन्य उपलब्ध स्रोतों से वित्तीय सहायता का प्रबंध करने के आतरिक्त अपेक्षित सहायिकी (सब्सिडी) उपलब्ध कराए ।

प्रवर्तकं का अंशदान

क्र. सं. परियोजना/इकाई की लागत परियोजना लागत की प्रतिशतता के रूप में प्रवर्तक का कम से कम अंशदान
(क) रु. 1.00 लाख तक अनिवार्य नहीं ।
(ख) रु. 1.00 लाख तक से अधिक तथा 2.50 लाख रुपए तक 2%
(ग) 2.50 लाख रुपए से अधिक तथा 5.00 लाख रुपए तक 3%
(घ) 5.00 लाख रुपए से अधिक तथा 10.00 लाख रुपए तक 5%
(ङ) 10.00 लाख रुपए से अधिक तथा 20.00 लाख रुपए तक 7%
(च) 20.00 लाख रुपए से अधिक तथा 30.00 लाख रुपए तक 10%

 

टिप्पणी

गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लाभार्थी अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय-क्षेत्र योजना के अधीन 10,000 रुपए की दर से अथवा इकाई लागत का 50%, जो भी कम हो, की सहायिकी (सब्सिडी) के पात्र हैं ।

ब्याज दर

क्र. सं. प्रति इकाई/लाभकारी केंद्र की ऋण

राशि (अनुविनि का अंशदान)

प्रभारित वार्षिकं ब्याज *
राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी लाभार्थी

 

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी लाभार्थी
(क) 5.00 लाख रुपए तक 3% 6%
(ख) 5.00 लाख रुपए से अधिक तथा 10.00 लाख रु. तक 5% 8%
(ग) 10.00 लाख रुपए से अधिक तथा 20.00 लाख रु. तक 6% 9%
(घ) 20.00 लाख रुपए से अधिक तथा 27.00 लाख रु. तक 7% 10%

 

उपर्युक्त ब्याज दरें मानक स्तर के आधार पर नहीं है ।

चुकौती अवधि

मियादी ऋण की चुकौती(आधस्थगन अवधि सहित)अधिकतम दस वर्षों के अंदर तिमाही/अर्धवार्षिक/वार्षिक किंस्तों में की जानी है ।

लघु ऋण वित्त योजना

इकाई लागत

अनुविनि 50,000 रुपए तक की इकाई लागत के लिए लघु ऋण वित्त उपलब्ध कराता है।

सहायता की प्रमात्रा

अनुविनि परियोजना लागत का 90% तक ऋण उपलब्ध कराता है । तथापि, अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय-क्षेत्र योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लाभार्थी 10,000 रुपए अथवा इकाई लागत का 50% तकं, जो भी कम हो, की दर से सहायिकी (सब्सिडी) के लिए पात्र हैं । जहां कहीं लाभार्थियों को सहायिकी उपलब्ध नहीं कराई गई है वहां राज्य सारणी अभिकरण अपनी मार्जिन धनराशि (मार्जिन मनी) का अंश उपलब्ध कराएंगे ।

ब्याज दर

अनुविनि राज्य सारणी अभिकरणों से 2% वार्षिकं दर से ब्याज प्रभारित करेगा और राज्य सारणी अभिकरणों क्रमशः लाभार्थियों से 5% प्रभारित करेंगी ।

चुकौती अवधि

लघु ऋण वित्त के अंतर्गत ऋण की चुकौती प्रत्येक वितरण की तिथि से अधिकतम तीन वर्षों के भीतर, निधि उपयोग के लिए 90 दिनों के आधस्थगन काल सहित तिमाही किंस्तों में की जानी है।

संबंधित राज्य सारणी अभिकरणों के माध्यम से लघु ऋण के अधीन ऋण की चुकौती करने पर पात्र लाभार्थी अनुविनि से कोई भी ऋण ले सकते हैं ।

महिला समृद्धि योजना

इकाई लागत

अनुविनि महिलाओं को 50,000 रुपए तक की इकाई लागत के लिए महिला समृद्धि योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराता है ।

सहायता की प्रमात्रा

अनुविनि परियोजना लागत का 90% तक ऋण उपलब्ध कराता है । तथापि, अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय-क्षेत्र योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लाभार्थी 10,000 रुपए अथवा इकाई लागत का 50% तक, जो भी कम हो, की दर से सहायिकी (सब्सिडी) के लिए पात्र हैं । जहां कंहीं लाभार्थियों को सहायिकी उपलब्ध नहीं कराई गई है वहां राज्य सारणी अभिकरण अपनी मार्जिन धनराशि (मार्जिन मनी) का अंश उपलब्ध कंराएंगे ।

ब्याज दर

अनुविनि राज्य सारणी अभिकरणों से 1% वार्षिकं दर से ब्याज प्रभारित करेगा और राज्य सारणी अभिकरण क्रमशः लाभार्थियों से 4% प्रभारित करेंगे ।

चुकौती अवधि

महिला समृद्धि योजना के अंतर्गत ऋण की चुकौती राज्य सारणी अभिकरण को प्रथम संवितरण की तिथि से तीन वर्षों के अंदर (निधि उपयोग के लिए 90 दिनों के आधस्थगन अवधि सहित) तिमाही किंस्तों में की जानी है ।

महिला समृद्धि योजना के अंतर्गत ऋण की चुकौती करने पर लाभार्थी अनुविनि से कोई भी ऋण ले सकते हैं ।

महिला किसान योजना

इकाई लागत

अनुविनि 50,000/- रुपए तकं की इकाई लागत के लिए महिला किसान योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कंराता है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिला लाभार्थियों को कृषि और/अथवा संयुक्त खेती संबंधी आर्थिक कार्यों में आयअर्जकं कार्यों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

सहायता की प्रमात्रा

अनुविनि परियोजना लागत का 90% तक ऋण उपलब्ध कराता है ।

सहायिकी (सब्सिडी)

अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय-क्षेत्र योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लाभार्थी 10,000/- रुपए अथवा इकाई लागत का 50% तक, जो भी कम हो, की दर से सहायिकी (सब्सिडी) के लिए पात्र हैं । जहां कहीं लाभार्थियों को सहायिकी उपलब्ध नहीं कराई गई है वहां राज्य सारणी अभिकरण अपनी मार्जिन धनराशि (मार्जिन मनी) का अंश उपलब्ध कराएंगे ।

ब्याज दर

क्र. सं. प्रति इकाई/ लाभकारी के दर की ऋण राशि (अनुविनि का अंशदान)

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी

 

प्रभारित वार्षिकं ब्याज

 

लाभार्थी

(i) 45,000/- रुपए तक 2%

चुकौती अवधि

महिला किसान योजना के अंतर्गत ऋण की चुकौती राज्य सारणी अभिकरण को एक वर्ष की आधस्थगन अवधि सहित 10 वर्षों के अंदर तिमाही किस्तों में की जानी है ।

शिल्पी समृद्धि योजना

इकाई लागत

अनुविनि 50,000/- रुपए तक की इकाई लागत के लिए शिल्पी समृद्धि योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराता है । इस योजना के अंतर्गत शिल्पी लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

सहायता की प्रमात्रा

अनुविनि परियोजना लागत का 90% तक ऋण उपलब्ध कराता है ।

सहायिकी (सब्सिडी)

अनुसूचित जाति उप-योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय-क्षेत्र योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लाभार्थी 10,000/- रुपए अथवा इकाई लागत का 50% तक, जो भी कम हो, की दर से सहायिकी (सब्सिडी) के लिए पात्र हैं । जहां कहीं लाभार्थियों को सहायिकी उपलब्ध नहीं कराई गई है वहां राज्य सारणी अभिकरण अपनी मार्जिन धनराशि (मार्जिन मनी) का अंश उपलब्ध कराएंगे ।

ब्याज दर

क्र. सं. प्रति इकाई/ लाभकारी के दर की ऋण राशि (अनुविनि का अंशदान)

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी

प्रभारित वार्षिक ब्याज

लाभार्थी

(i) 50,000/- रुपए तक 2%

चुकौती अवधि

शिल्पी समृद्धि योजना के अंतर्गत ऋण की चुकौती राज्य सारणी अभिकरण आधस्थगन अवधि सहित 5 वर्षों के अंदर तिमाही किस्तों में की जानी है ।

शैक्षणिक ऋण योजना

लक्ष्य

अनुसूचित जाति के पात्र छात्रों को पूर्णकालिक व्यावसायिक/तकनीकी शिक्षा

ऋण का उद्देश्य

प्रवेश शुल्क एवं शिक्षा शुल्क

पुस्तकें, लेखन सामग्री और पाठयक्रम के लिए आवश्यक अन्य उपकरणों

परीक्षा शुल्क

आवास और भोजन खर्च

मृत्यु अथवा स्थायी विकलांगता के मामले में ऋण के लिए ऋणी के बीमा के लिए पॉलिसी हेतु बीमा प्रीमियम

विदेश में अध्ययन के लिए यात्रा व्यय/मार्ग व्यय

जमानती राशि, विकास निधि इत्यादि को कवर करना है

शैक्षणिक ऋण जिस शासकीय मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान में छात्र द्वारा दाखिला लिया गया है वहाँ स्थित संबंधित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। विदेश के मामलों में, उन्हीं संस्थानों को स्वीकार्य किया जाएगा जो संबंधित प्राधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

पात्रता

छात्र अनुसूचित जाति समुदाय का होना (होने)चाहिए

छात्र के परिवार की वार्षिक पारिवारिक आय गरीबी सीमा रेखा (डीपीएल) के दुगने आय सीमा अर्थात् ग्रामीण क्षेत्रों में 40,000/- रुपए वार्षिक एवं शहरी क्षेत्रों में 55,000/- रुपए वार्षिक से कम होनी चाहिए ।

व्यावसायिक/तकनीकी पाठयक्रम

शैक्षणिक ऋण भारत अथवा विदेश में निम्नलिखित शिक्षा क्षेत्र के नियमित पूर्णकालिक मान्यता प्राप्त पाठयक्रमों को करने के लिए उपलब्ध कराया जाता है

  • इंजीनियरिंग (डिप्लोमा/बी.टेक/बी.ई./एम.टेक/एम.ई.)
  • आर्किटेक्चर (बी.आ/एम.आ)
  • मेडिकल (एमबीबीएस/एमडी/एमएस)
  • बायो-टेक्नॉलजी/माइक्रोबायोलॉजी/क्लिनिकल टेक्नोलॉजी (डिप्लोमा /डिग्री)
  • फार्मेसी (बी.फार्मा/एम.फार्मा)
  • दंत चिकित्सा (बीडीएस/एमडीएस)
  • फीज़ियोथिरेपी (बी.एससी/एम.एससी)
  • पैथोलॉजी (बीएससी/एमएससी)
  • नर्सिंग (बी.एससी/एम.एससी)
  • सूचना प्रौद्योगिकी (बीसीए/एमसीए)
  • प्रबंधन (बीबीए/एमबीए)
  • होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नालॉजी (डिप्लोमा /स्नातक/परास्नातक)
  • लॉ (एलएलबी/एलएलएम)
  • शिक्षा (सीटी/एनटीटी/बी.एड/एम.एड)
  • शारीरिक शिक्षा (सी.पीएड/बी.पीएड/एम.पीएड)
  • पत्रकारिता एवं मास कम्यूनिकेशन (स्नातक/परास्नातक)
  • जिरीआट्रिक केयर (डिप्लोमा/परास्नातक डिप्लोमा)
  • मिडवाइफ्री (डिप्लोमा)
  • प्रयोगशाला तकनीशियन (डिप्लोमा)

 

उपरोक्त के अलावा निम्नलिखित व्यावसायिक पाठयक्रम भी योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है

 

  • सनदी लेखाकंन (सीए)
  • कोस्ट अकाउंटटेंसी (आईसीडब्ल्यूए)

 

  • कंपनी सेक्रेटरी (सीएस)
  • एक्चुरीअल साइंसेज़ (स्नातक/परास्नातक/एफआईए)
  • एसोसिएट मेम्बर ऑफ इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनीयरिंग (एएमआईई) एंड इंस्टीटयूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलिकंम्यूनिकेशन
  • आवेदकों को उक्त क्षेत्रों में पूर्णकालिक पाठयक्रम चलाने वाले शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेना चाहिए ।

मान्यता प्राप्त संस्थानों से एम.फिल/पीएचडी के डॉक्टरेट स्तर पर अध्ययन जैसी उच्च शिक्षा

छात्र विशेष को शैक्षणिक ऋण केवल एक ही बार डिप्लोमा/डिग्री स्तर पर अथवा स्नातकोत्तर डिप्लोमा/स्नातकोत्तर डिग्री स्तर के लिए मान्य होगा । हालांकि, शैक्षणिक ऋण दोनों स्तर को शामिल करने वाले किसी दीर्घावधि एकीकृत पाठयक्रम में दाखिला पाने वाले छात्र को दिया जाएगा।

अधिकतम ऋण सीमा

भारत में अध्ययन के लिए – 10.00 लाख तक

विदेश में अध्ययन के लिए – 20.00 लाख तक

व्यावसायिक पाठयक्रम की पूरी अवधि के व्यय का 90% बशर्ते कि अधिकतम ऋण सीमा पाठयक्रम की औसत अवधि चार वर्ष मानते हुए प्रतिवर्ष `1.875 लाख तक/ प्रति लाभार्थी (भारत में अध्ययन के लिए) और प्रतिवर्ष ` 3.75 लाख तक/प्रति लाभार्थी (विदेश में अध्ययन के लिए) प्रदान किया जाएगा । शेष 10% छात्रों/राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों द्वारा वहन किया जाएगा।

ब्याज दर

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी से एनएसएफडीसी को – 1.5% वार्षिकं

लाभार्थी से राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी को- 4% वार्षिक (महिला लाभार्थियों के मामले में 0.5% छूट)

वसूली

वसूली (मूल और ब्याज) पाठयक्रम पूरा होने अथवा रोजगार पाने, जो भी पहले हो जाता है, के छह माह बाद से शुरु होगी । ऋण 05 वर्षों में 20 तिमाही किश्तों में अदा किया जाएगा । ऋण की कुल अवधि प्रथम संवितरण की तारीख से 10 वर्षों से अधिक नहीं होगी ।

ऋण लेने के लिए अपनायी गई प्रक्रिया

लक्ष्य समूह के पात्र छात्र को नीचे दिए गए एनएसएफडीसी के निर्धारित आवेदन प्रपत्र में अपनी जाति, आयु, संबंधित शैक्षणिक संस्थान में दाखिले के साक्ष्य इत्यादि के सहायक दस्तावेजों की चेकलिस्ट सहित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के संबंधित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी के माध्यम से ऋण के लिए आवेदन करना चाहिए I

सामान्य

एनएसएफडीसी का शैक्षणिक ऋण का लक्ष्य समूह के उन छात्रों को भी अनुमान्य होगा जिन्होंने 1.12.2009 से पहले तकनीकी/व्यावसायिक पाठयक्रम में दाखिला लिया है बशर्ते कि उन्होंने किसी अन्य संस्थान से शैक्षणिक ऋण नहीं लिया है । यद्यपि, शैक्षणिक ऋण यथानुपात आधार पर अध्ययन के शेष वर्षों के लिए अनुमत्य व्यय को पूरा करने के लिए प्रतिबंधित होगा । इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक ऋण को भिन्न मामले के आधार पर मंजूर और संवितरित किया जाएगा ।

आवेदन डाउनलोड करने के लिए विभाग के वेबसाइट पर जाएँ

नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना

उद्देश्य

एकल महिलाओं/विधवाओं/महिलाएं जो आय अर्जक गतिविधियों और अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अपने परिवार की मुखिया हैं, उन्हें समर्थन करना।

पात्रता मानदंड

नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना के तहत लाभार्थियों को शामिल करने के लिए पात्रता मानदंड इस प्रकार होंगे-

  1. आवेदक अनुसूचित जाति की होगी।
  2. उनकी वार्षिक पारिवारिक आय समय–समय पर निर्धारित गरीबी सीमा रेखा के दुगने आय सीमा (वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए रू 81,000/-और शहरी क्षेत्रों के लिए रू1,03,000/-) से कम होनी चाहिए।
  3. आवेदक या एकल महिला (विधवा, परित्यक्त (डायवोर्सी)/एकल मॉं) अथवा 35 वर्ष से अधिक की एकल महिला होनी चाहिए ।
  4. विधवा पेंशन योजना के तहत पंजीकृत सभी महिलाएं जो उक्त‍ (क) और (ख) की शर्तों को पूरा करती है वे भी योजना के तहत ऋण के लिए पात्र हैं।
  5. आवेदक की आयु 25-50 वर्षों के बीच होनी चाहिए।

यूनिट लागत

पात्र उम्मीदवार एनएसएफडीसी की किसी भी योजनाओं के तहत उन योजनाओं के लिए निर्धारित यूनिट लागत के अनुसार वित्तीय सहायता ले सकती है।

सहायता की प्रमात्रा

निगम एनएसएफडीसी ऋण नीति की मियादी ऋण योजना के तहत अनुमत्यज अनुसार प्रवर्तक के किसी अंशदान पर आग्रह किए बिना और राज्यम चैनेलाइजिंग एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही मार्जिन राशि एवं विशेष संघटक योजना के तहत विशेष केंद्रीय सहायता की केंद्रीय – क्षेत्र योजना के तहत गरीबी रेखा से कम पर जीवन यापन करने वाले लाभार्थियों को उपलब्ध कराई गई रू.10,000/- अथवा यूनिट लागत के 50%, जो भी कम है, की सब्सिडी को लेने के बाद योजना के तहत आवश्यकता आधारित ऋण उपलब्ध कराएगा।

योजना के तहत चयनित लाभार्थी को, यदि वे इच्छुक हैं, प्रतिष्ठित संस्था न में संबंधित वोकेशनल और उद्यमी विकास प्रशिक्षण लेने के लिए एनएसएफडीसी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता के लिए भी लिया जा सकता हैं।

राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी योजना के तहत शामिल लाभार्थियों के लिए हेंड होल्डिंग कार्य करने के उद्देश्य के लिए अनुदान के रूप में प्रति यूनिट अधिकतम रू 4,000/- की सीमा में ऋण राशि का 2% उपलब्ध कराएगा।

योजना के तहत शामिल लाभार्थी प्रथम ऋण लेने के दो वर्ष के बाद व्यापार बढ़ाने के लिए आगे भी वित्ती्य सहायता लेने के लिए पात्र होगा बशर्तें कि चुकौती नियमित है ।

ब्याज दर

एनएसएफडीसी नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना (एनएएसवाई) के तहत कम ब्याज प्रभारित करेगा । राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसी से 1% वार्षिक की दर से जो लाभार्थियों से 4% वार्षिक प्रभारित करेंगे।

चुकौती अवधि

एनएएसवाई के तहत ऋण को तिमाही किश्तों में मोरेटोरियम अवधि सहित अधिकतम 10 वर्षों में चुकाना होगा । वास्ताविक चुकौती अवधि आर्थिक कार्य के प्रकार और आय अर्जन पर आधारित होगी।

लक्ष्य समूह की पात्र सदस्य ऋण के लिए अपने राज्य में स्थित राज्यं/संघ शासित चैनेलाइजिंग एजेंसी को आवेदन पत्र को प्रस्तुत करेंगी। राज्य /संघ शासित चैनेलाइजिंग एजेंसियों की सूची विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध है।

ऋणोत्तर आधारित योजनाएँ

कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम

वस्त्र प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक टेस्ट इंजीनियरिंग, मोबाइल फोन मरम्मत, बीपीओ कॉल सेंटर तथा ऑटोमोबाइल मरम्मत इत्यादि नवीन क्षेत्रों में लक्ष्य समूह के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए अपने राज्य सारणी अभिकरणों के माध्यम से कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित करता है।

ये कार्यक्रम प्रतिष्ठित सरकारी/अर्ध सरकारी/स्वायत्त संस्थानों के माध्यम से आयोजित किए जाते हैं तथा प्रशिक्षणार्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है एवं प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रतिमाह रु. 1500.00 की दर से वृत्तिका दी जाती है ।

लाभार्थियों को नियोजन सहायता और अथवा राज्य सारणी अभिकरणों के माध्यम से एनएसएफडीसी द्वारा वित्तीय सहायता के साथ अपना स्व-व्यवसाय शुरु करने के लिए उद्यमी मार्गदर्शन भी दिए जाते है।

लाभार्थियों को विपणन सहायता

मेले और प्रदर्शनी में नि:शुल्क स्टाल

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों एवं मेलों में भाग लेता है तथा लाभार्थियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने एवं बेचने के लिए नि:शुल्क स्टाल उपलब्ध कराता है।

जिले स्तर पर प्रदर्शनियों/मेलों में भाग लेना भी शुरू कर दिया है।

इन प्रदर्शनियों में प्रतिभगिता से लाभार्थियों को न केवल अपने उत्पाद को बेचने बल्कि ग्राहकों से बातचीत करने एवं नए उत्पादों के विकास के लिए जरूरतों/आवश्यकताओं को जानने का भी अवसर मिलता है।

लाभार्थियों को विपणन प्रशिक्षण

ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार शिल्पकारों के उत्पादों के विपणन और विकास/पुन: डिजाइनिंग संबंधित विभिन्न आदानों को लाभार्थियों को उपलब्ध कराने के लिए विपणन प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे प्रशिक्षणों में काउंटर पर अच्छी विक्रय कला के कार्य-निवेश के साथ ग्राहकों की जरूरतों के अनुकूल उप्पादों में रूपांतर कैसे किया जाए, इस पर जोर दिया जाता है।

अनुसूचित जाति बहुल जिलों में जागरुकता बैठक

एनएफडीसी अपने लक्ष्य समूह के बीच अपनी योजनाओं और ऋण लेने की प्रक्रिया के बारे में जन-जागरुकता पैदा करने के लिए अनुसूचित जाति बहुल जिलों में विशेष जागरुकता बैठक आयोजित करता है। ऐसे जागरुकता बैठको की विशेषताओं की सूची नीचे दी जा रही है:

  1. जिला प्रशासन और राज्य सारणी अभिकरणों के क्षेत्रीय और प्रधान कार्यालय की सक्रिय साझेदारी से बैठकें आयोजि की जाती हैं।
  2. जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों/ब्लॉकों में स्थानीय भाषा में पर्चों के वितरण, स्थानीय समाचार-पत्रों में विज्ञापन, स्थानीय केबल टी.वी. में घोषणा के माध्यम से प्रचार किया जाता है।
  3. जागरुकता बैठक में जिले के विभिन्न सरकारी विभागों जैसे उद्योगों, कृषि, बागवानी, पशु-पालन, शीर्ष बैंक इत्यादि के अधिकारियों को आमंत्रित किया जाता है।
  4. इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक संस्थानों और प्रशिक्षण केंद्रों जैसे आई-टी-आई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया जाता है।
  5. लक्ष्य समूह के प्रतिभागियों संस्थानों और प्रशिक्षण केंद्रों जैसे आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग एवं फार्मेसी के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया जाता है।
  6. प्रतिभागी एक फार्म भरते हैं जिसमें वे अपने विवरणें जैसे अपना नाम, पता अर्हताएँ, अनुभव तथा विशेषत: किसी विशिष्ट कार्य में उनकी रूचि, आवश्यक ऋण राशि अथवा अपेक्षित कौशल प्रशिक्षण देते हैं।
  7. उक्त डाटा का प्रयोग राज्य सारणी अभिकरण द्वारा परियोजना प्रस्ताव के सूत्रीकरण के लिए किया जाता है।
  8. राज्य सारणी अभिकरणों के क्षेत्राधिकारी एवं एनएसएफडीसी के प्रतिनिधि भी प्रतिभागियों को परामर्श देते हैं तथा उन्हें एनएसएफडीसी/राज्य सारणी अभिकरणों की योजनाओं में ऋण लेने के लिए मार्ग प्रदर्शित करता है I

 

स्रोत: नेशनल शेड्यूलड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कार्पोरेशन

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