सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार:ओबीसी क्रीमी लेयरलॉबी को सरकार की इसकी परिभासा बदलने की मंशा राश नही आई. सरकार ने क्रिमी लेयर की परिभाषा में वार्षिक आय 4.5 लाख से 6 लाख करने की कोशिश की. परंतु लॉबी को यह पसंद नही आया. इस परिभाषा मे बद्लाव का अर्थ है कि जिस परिवार की वार्षिक आय 6 लाख से ज़्यादा होगी , वह परिवार ओबीसी की क्रीमी लेयर की श्रेणी मे आएगा और उसको ओबीसी मे आरक्षण का लाभ नही मिलेगा. ओबीसी क्रीमी लेयर लॉबी को सरकार का यह विचार पसंद नही आया क्यों कि वह चाहती है कि आय की सीमा 12 लाख वार्षिक की जाय. क्या ओबीसी आरक्षण का फायदा उठा चुके लोग यह नहीं चाहते कि उनकी कोमुनीटी के पिछ्डे लोग आरक्षण का फायदा उठा कर उनकी तरह क्रिमी लेयर की श्रेणी में आ जाएँ ?
फिर सरकार क्या सोच कर आय की यह सीमा बढ़ा रही है. आय की यह सीमा 4 वर्ष पहले बढ़ाई गयी थी. 4 वर्ष बाद किस आधार पर सरकार यह बढ़ाना चाहती है और क्यों? क्या इस प्रकार की सोच आय कर सीमा को भी बढ़ाने में ऩही रखी जा सकती है? और इसी नियम का आधार सरकार के तमाम विभागों में भी लागू नही किया जा सकता?