मोदी सरकार में रोजगार की बहार, अप्रैल महीने में करीब 11 लाख नौकरियों का सृजन देश के 4% दिव्यांगों को क्यों नहीं मिल पा रहा है संविधान लाभ यह बड़ा सवाल?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : इन सभी नियुक्तियों में दिव्यांग लोगों को 4% जो संवैधानिक अधिकार है जो इन दिव्यांगों का उन्हें क्यों नहीं मिल पाया दिव्यांग आकर पढ़ाई करके नौकरी नहीं पाएंगे तो कहां जाएंगे कैसे आत्मनिर्भर बनेंगे और क्यों खुलेआम सरकार के वह सरकारी पदाधिकारी नियमों की अनदेखी करते हुए संविधान की अनदेखी करते हुए दिव्यांगों के साथ नौकरियों में ऐसा पक्षपात करें क्या इन सभी पदों पर 4% दिव्यांग की नियुक्ति हो पाई नहीं तो क्यों नहीं हो पाई क्या हमारे देश का मानवता भी मर गया हम आम तौर से यह सरकार से पूछना चाहते हैं भारत सरकार का  यह आंकड़ा  दिव्यांगों को  नहीं पसंद आ रहा है  क्योंकि  इस पदों पर  4%  दिव्यांग की नियुक्ति नहीं हो पाई है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था और कारोबारी माहौल सुधरा है, उससे रोजगार के मोर्च पर नित नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। मोदी सरकार की नीतियों की वजह से रोजगार सृजन को लेकर हर महीने अच्छी खबरें मिल रही हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानि ईएसआईसी के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल के महीने में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले अधिक है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानि सीएसओ ने सितंबर 2017 से अप्रैल 2019 के रोजगार परिदृश्य के बारे में रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर 2018-19 में 1.49 करोड़ नए लोगों का पंजीकरण हुआ है। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष के दौरान 1.49 करोड़ रोजगार सृजित हुए। सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान कुल 83.31 लाख नये अंशधारक ईएसआई योजना से जुड़े। इसी प्रकार, ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2019 में 10.43 लाख रोजगार सृजित हुए। आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत 2018-19 में कुल 61.12 लाख लोग रजिस्टर्ड हुए। वहीं सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान 15.52 लाख नये अंशधारक जुड़े।

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-

प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना देगी 10 लाख रोजगार
पीएम नरेन्द्र मोदी की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से अब रोजगार भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी, इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।

फरवरी में तीन गुना बढ़ा रोजगार, 8.61 लाख को मिली नौकरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। लगभग सभी सेक्टरों में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरियां मिल रही हैं। इस साल फरवरी में संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन एक साल पहले इसी माह के मुकाबले तीन गुना तक बढ़कर 8.61 लाख तक पहुंच गया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक फरवरी, 2019 में 22-25 वर्ष आयु वर्ग के 2.36 लाख को और 18-21 आयु वर्ग के 2.09 लाख युवाओं को रोजगार मिला। आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 – फरवरी 2019 के बीच 18 महीने के दौरान 80.86 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ

हर साल 1.5 करोड़ लोगों को मिली नौकरियां- पीपीआरसी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) ने दावा किया है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार हर साल 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करने में सफल रही है। ‘दिस इज हाउ द बीजेपी वॉक्स द टॉक’ रिपोर्ट के अनुसार पांच साल में यह आंकड़ा सात करोड़ को पार कर गया है। एक कार्यक्रम में केंद्र के निदेशक सुमित भसीन ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइसी), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना जैसे स्रोतों से मिले आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक क्षेत्र के आकलन में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ ई-बाजार (जीईएम), नोटबंदी और इन्सोल्वेंसी कोड प्रभावी रहे।

पीपीआरसी रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें- ‘दिस इज हाउ द बीजेपी वॉक्स द टॉक’

एमएसएमई क्षेत्र में एक करोड़ रोजगार के अवसर
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है। एमएसएमई मंत्रालय की 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में 3.6 करोड़ यानी 70 प्रतिशत रोजगार का योगदान एमएसएमई क्षेत्र का रहा है।

MSME में 14% बढ़ीं नौकरियां
सीआईआई के सर्वे के मुताबिक पिछले चार सालों के दौरान माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर में 13.90 फीसदी ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए है। आंकड़ों में देखा जाए तो करीब 3,32,394 नई नौकरियां मिलीं, जो रोजगार सृजन के लिहाज से सालाना 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाती है। सर्वे में देश के 28 राज्यों के 350 औद्योगिक केंद्रों में स्थित 1.05 लाख MSME फर्मों को शामिल किया गया। सबसे ज्यादा नौकरियां सर्विस सेक्टर में मिली है। इसमें खासकर पर्यटन के क्षेत्र में मिलीं। इसके बाद कपड़ा उद्योग और मेटल प्रॉडक्ट्स के क्षेत्र में नौकरियों के मौके बने हैं।

अगले 3 साल में बनेंगे रोजगार के अधिक अवसर
उद्योग संगठन सीआईआई कहता हैं कि अगले तीन साल के दौरान नौकरियों के मौकों में इजाफा होने की उम्मीद है। MSME पर ब्याज में दो फीसदी छूट और ट्रेड रिसविवेबल्स ई-डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) की वजह से इसमें वृद्धि होगी। लिहाजा ऐसे में नौकरियों के मौके बनेंगे।

17 महीनों में 76.48 लाख लोगों को मिली नौकरी
केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से मार्च में जारी EPFO Payroll Job Data के मुताबिक पिछले 17 महीनों में 76.48 लाख लोगों को नौकरी मिली। सिर्फ जनवरी 2019 में ही 8.96 लाख लोगों को नौकरी मिली है। यह पिछले साल के समान माह से 131 प्रतिशत ज्यादा है। EPFO के अनुसार, सितंबर 2017 में 2,75,609 लोगों को नौकरियां मिली थीं। EPFO के अनुसार, सितंबर 2017 से जनवरी 2019 के बीच फॉर्मल सेक्टर के करीब 76.48 लाख नए सब्सक्राइबर सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़े हैं। यह दर्शाता है कि बीते 17 महीनों में फॉर्मल सेक्टर में 76.48 लाख नई नौकरियां सृजित हुई हैं।

संगठित क्षेत्र में पिछले 16 महीने में करीब 2 करोड़ रोजगार सृजित
देश में पिछले 16 माह के दौरान (सितंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक) करीब दो करोड़ रोजगार सृजित हुए हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के पास उपलब्ध कंपनियों के ‘वेतन भुगतान संबंधी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। सीएसओ की रिपोर्ट में ईएसआईसी के आंकड़ों को शामिल किया गया है। ईएसआईसी अपने पास पंजीकृत लोगों को स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवायें उपलब्ध कराता है। इसमें वे सभी प्रतिष्ठान शामिल होते हैं जिसमें 20 या अधिक कर्मचारी काम करते हैं तथा जिनका वेतन 21,000 रुपये तक है। ईएसआईसी की इस योजना से सितंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक 1.96 करोड़ नये अंशधारक इस योजना से जुड़े।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़े करीब 9. 7 लाख
इसी अवधि में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या 9,66,381 रही। एनपीएस के अंतर्गत केंद्रीय तथा राज्य सरकार के कर्मचारी आते हैं। आम लोग भी इसे स्वेच्छा से अपना सकते हैं। इसमें कहा गया है कि मौजूदा रिपोर्ट संगठित क्षेत्र में रोजगार के बारे में जानकारी देती है और समग्र रूप से रोजगार का आकलन नहीं करती है।

हेल्थ और बीमा सेक्टर में सृजित होंगी 10 लाख नौकरियां
मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी स्कीम आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी हेल्थ और इंश्योरेंस सेक्टर में नौकरियों के अपार मौके लाने वाली है। एक अनुमान के मुताबिक जितने बड़े स्तर पर इस योजना को शुरू किया गया है, उससे देशभर में स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र में 10 लाख रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. इंदू भूषण के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस स्कीम से स्वास्थ्य और बीमा के क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा। आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के दस करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानि 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये सालाना का हेल्थ कवर दिया जा रहा है।

दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती रेलवे में, 1.3 लाख लोगों को रोजगार
रोजगार के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही मोदी सरकार अब सरकारी नौकरी देने में भी दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाने जा रही है। एक साथ 1 लाख 30 हजार लोगों को रेलवे सरकारी नौकरी दे रही है।

आईटी और स्टार्टअप कंपनियां दे सकती है 5 लाख लोगों को रोजगार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और वर्ष 2019 नौकरियों के सृजन के लिहाज से बढ़िया रह सकता है। आईटी और स्टार्टअप कंपनियां इस नए साल में पांच लाख लोगों को रोजगार दे सकती हैं। आईटी जगत के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने कहा है कि भारतीय आईटी उद्योग फिर से वृद्धि के रास्ते पर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 कर्मचारियों के लिए बेहतर होने जा रहा क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में तेजी आ रही है। पई ने कहा कि आईटी और स्टार्टअप कंपनियां मिलकर 4.5 से 5 लाख कर्मचारियों की भर्ती करेंगी।

स्किल डेवलपमेंट के तहत हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए पूरे देश में 13,000 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इन केंद्रों से प्रत्येक साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खुद रोजगार पाने के साथ ही दूसरे को भी रोजगार दे सके।

मोदी राज में पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार देने वाला देश है भारत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नमथानम ने बताया कि भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं, जिससे भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना लाभार्थियों की संख्या पहुंची 1 करोड़ के पार
रोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की संख्या एक करोड़ के पार निकल चुकी है। केंद्र सरकार ने नए रोजगार पैदा करने के लिए अगस्त, 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी। और इससे 14 जनवरी, 2019 तक एक करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा है। इस तरह इस योजना ने कीर्तिमान स्थापित किया है।

‘मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में बड़ा उछाल
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, स्वयं सहायता समूह और आधारभूत संरचना विकास खासकर ग्रामीण सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार आदि के बल पर मोदी राज में असंगठित क्षेत्र में रोजगार में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।स्कॉच समूह की एक रिपोर्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और केन्द्र सरकार की कुछ योजनाओं की बदौलत नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में बड़ा उछाल आया है। इस रिपोर्ट को स्कॉच समूह के अध्यक्ष समीर कोचर ने तैयार किया है।

मुद्रा योजना से दो वर्षों में 1.7 करोड़ नए रोजगार
स्कॉच के 56वें शिखर सम्मेलन में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की बदौलत ही योजना शुरू होने के शुरूआती दो वर्षों के दौरान 1.7 करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हुए। इसके बाद भी इसके तहत ढेरों रोजगार के अवसर सृजित हुए। उल्लेखनीय है कि मुद्रा योजना की शुरूआत अप्रैल 2015 में हुई थी।

स्वयं सहायता समूहों से मिले बड़ी संख्या में रोजगार
रिपोर्ट के मुताबिक मुद्रा योजना ही नहीं, बल्कि स्वयं सहायता समूहों की बदौतल भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित हुए। वर्ष 2014-15 में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 76.97 लाख थी जो कि 2017-18 में बढ़ कर 87.44 लाख हो गई। इनके खातों को बैंक से जोड़ने का लाभ हुआ। तभी तो आलोच्य अवधि में स्वयं सहायता समूहों की बचत राशि 9897.42 करोड़ रुपये से बढ़ कर 19592.12 करोड़ रुपये हो गई

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी
इस दौरान सड़क बनाने की गति भी तेजी से बढ़ी, जिसकी वजह से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई। ग्रामीण सड़कों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बात करें तो इस दौरान नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हर रोज 134 किलोमीटर सड़क बनायी गई। इससे पहले 2011 से 2014 के बीच हर रोज 73 किलोमीटर सड़क ही बन रही थी

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