आइसक्रीम नहीं ये है जहर

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : चटकती गर्मी में ठंडी आइसक्रीम आपको राहत तो पहुंचा रही है लेकिन जरा संभल के कहीं आप मजे में जहर तो नहीं निगल रहे? हेल्थ डिपार्टमेंट में कई आइसक्रीम हॉकर्स की कंप्लेंस आ रही हैं इनमें जहां एक तरफ साइकिल में घरघर घूम रहे लोकल आइसक्रीम विक्रेताओं का जिक्र है वहीं डिपार्टमेंट इस असमंजस में फंसा हुआ है कि आखिर इन नॉन रजिस्टर्ड हॉकर्स को किस तरह से नोटिफाई किया जाए

अंजान आइसक्रीम पैडलर्स
शहर भर में कभी  लोगो तो कभी स्वाद भरी आइसक्रीम का टैग लगाकर घूम रहे आइसक्रीम हॉकर्स को आपने अक्सर देखा होगा. इनके पास आपको आइसक्रीम की वाइड क्वालिटी तो मिल जाएगी, लेकिन जब बात ब्रांड नेम की आती है तो ये हॉकर डिपार्टमेंट के रिकॉड्र्स में अंजान साबित होते हैं. फूड सेफ्टी ऑफिसर  बताते हैं कि आइस के लोकल ब्रांडस से लेकर नेशनल ब्रांड पूरी तरह से रजिस्टर्ड होते हैं. ऐसे में उन्हें पकडऩा काफी आसान हो जाता है, लेकिन जब बात इन सड़क चलते पैडलर्स की आती है तो इन्हें आइडेंटीफाई करने में काफी दिक्कतें होती हैं.

किस तरह की आ रही कंप्लेंस
विभागीय अधिकारी के मुताबिक इन कंप्लेंस में आरोपी गुमनाम शक्ल में दर्ज किया जा रहा है. कई कंप्लेंस तो मौखिक रूप से दर्ज की गई है, जबकि कई कंप्लेंस ऐसी है, जिन्हें लिखित रूप से दर्ज किया गया है. पिछले चार महीनों में लगभग दस कंप्लेंस औसतन दर्ज की गई हैं. अधिकतर कंप्लेंस में आइसक्रीम खाने के बाद फूड प्वांइजनिंग की समस्याएं दर्ज कराई गई हैं.
दो के लिए हाउसफुल
इस साल भी आइसक्रीम के बिजनेस में मुनाफे की आस में कई लोकल ब्रांड्स ने कंपनी खोलने के लिए याचिका दायर की, लेकिन उनमें से महज 12 शॉर्ट इंडस्ट्री को लाइसेंस जारी किया गया. जबकि दो बाहरी राज्यों से आए व्यापारियों की याचिका को हाउसफुल का बोर्ड दिखाया गया. अधिकारी का कहना है कि दरअसल, इस बिजनेस में लोकल ब्रांड्स का भी सालाना लगभग 12 लाख का टर्नओवर होता है. जबकि इसकी मैन्युफेक्चरिंग इससे होने वाले मुनाफे से 20 -25 परसेंट कम आंकी गई है।

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