क्या आप जानते हैं दिव्यांगों के स्पेशल एजुकेशन के बारे में

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  दिव्यांगों का स्पेशल एजुकेशन प्रत्येक कोर्स के लिए भारत के प्रत्येक राज्यों में होता है उसका कुछ खास लाभ है उसे जाने भारत का प्रत्येक दिव्यांग और आवेदन कीजिए दिव्यांग जनों के लिए स्पेशल एजुकेशन के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम जिसे D.Ed स्पेशल एजुकेशन B.Ed स्पेशल एजुकेशन के नाम से जाना जाता है को करने के बाद, एक पढ़ा-लिखा दिव्यांग व्यक्ति भी अपने समाज की सेवा बहुत अच्छी तरह कर सकता है| शिक्षा के बहुआयामी स्तरों में यह देखा गया है एक दिव्यांग व्यक्ति को समझने के लिए एक दिव्यांग व्यक्ति अपना सर्वस्व न्योछावर करता है दूसरों की तकलीफ वही समझ सकता है जो खुद भी उस समस्या से ग्रसित हो अर्थात उस समस्या को समझ कर उसका समाधान कर सके| इस अर्थ में हम देख सकते हैं कि ना सिर्फ d.el.ed SPL, B.Ed स्पेशल एजुकेशन बल्कि किसी भी एजुकेशन के माध्यम से इस तरह के दिव्यांग बच्चों को शिक्षित किया जा सकता है उनकी समस्याओं को समझा जा सकता है| यह कोर्स ₹5000 से ₹200000 तक के कोर्स फी के माध्यम से होता है| सरकारी शिक्षण संस्थानों में फीस कम होती है, जैसे बिहार में पटना में भी आ कोर्स करवाया जाता है साथी साथ देश के सभी राज्यों में सभी समाज कल्याण विभाग के कार्यालयों के द्वारा स्थापित इंस्टिट्यूशन में कोर्स करवाए जाते हैं| इसकी अवधि 1 वर्ष या कहीं कहीं 2 वर्षों की भी होती है| इससे प्रशिक्षित माना जाता है राज्य सरकार व केंद्र सरकार की वैकेंसी यों ने भी इसका स्थान दिया जाता| विशेष तौर पर इसमें बहुत से ऐसे कोर्स होते हैं जैसे दिव्यांग किस प्रकार के उस आधार पर भी कोर्स की टीचर या निर्मित की जाती है जैसे ब्लाइंड,ऑटिज्म, हियरिंग, मेंटल एबिलिटी मेंटल रेटरडेशन मसल्स थेरेपी इत्यादि शामिल है ,यह कोर्स भारत के सभी अस्पताल जो सरकारी स्तर पर होते हैं उनमें इनका प्रैक्टिकल भी करवाया जाता है जैसे बिहार में अगर आप पटना में इसकी पढ़ाई करते हैं तो, पीएमसीएच, एनएमसीएच में भी तथा कदमकुंआ सें पटना जो कि रेड क्रॉस बिल्डिंग में स्थापित है वहां भी इसकी पढ़ाई होती है| उदाहरण के तौर पर भारत की राजधानी दिल्ली में भी शिक्षण देखा गया है कि विद्यालयों में स्पेशल एजुकेटर टीचर की बहाली की जाती है इसके लिए विशेष रूप से सीडब्ल्यूएसएन एक कमेटी बनी हुई है जिसके माध्यम से दिव्यांगों की उचित देखरेख के लिए उसके संचालन के लिए एक प्रशिक्षित शिक्षक को बहाल करना शामिल होता है|
बिहार के भी दिव्यांग इस कोर्स को करके अपने एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं अपने समाज के सदस्यों की सेवा कर सकते हैं| इसके लिए सम्मानित तनखा उनको दी जाती है|दिव्यांगजन स्पेशल एजुकेशन कोर्स की पूरी जानकारी डिसेबिलिटिअफेयर्स मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई है तथा संबंधित चैनल से आप संपर्क कर ,वहां पर आवेदन कर प्राप्त कर सकते हैं|

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