सरकार लाएगी नया नियम, मेडिकल डिवाइस के साइड इफेक्ट पर मरीज को मिलेगा हर्जाना

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :केंद्र सरकार जल्द एक नियम लेकर आएगी, जिसके तहत मरीज को मेडिकल डिवाइस से साइड इफेक्ट होने पर हर्जाना दिया जाएगा। सरकार की ओर से गठित एक्सपर्ट पैनल ने हर्जाने के नियम और शर्तों को फाइनल कर दिया गया है। अब इस प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा, जिसमे मेडिकल डिवाइस को ड्रग्स और कॉस्मेटिक एक्ट में शामिल किए जाने की सिफारिश की गई है।

मेडिकल डिवाइस को लेकर भारत में कोई स्पष्ट नियम नहीं

भारत में मौजूदा वक्त में ऐसी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है, जिसके अंतर्गत मेडिकल डिवाइस से होने वाले गंभीर साइड इफेक्ट पर हर्जाने देने के लिए कंपनियां बाध्य हों। कानून में केवल क्लीनिकल ट्रायल के दौरान कुछ गलत होने पर हर्जाने का प्रावधान है।मेडिकल डिवाइस सब कमेटी के नौ सदस्यों की ओर से एक फॉर्मूले को अंतिम रुप दिया गया है, जिसमें हर्जाना किस आधार पर दिया जाएगा। इसके बारे में डिटेल रिपोर्ट दी गई है। पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस बीडी अथानीके नेतृत्व वाले पैनल ने हर्जाने का आधार मरीज की कमाई के नुकसान, विकलांगता की सीमा को बनाया है। अगर विकलांगता स्थाई है और मरीज जवान है, तो ज्यादा हर्जाना मिलेगा।

भारतीय मरीजों को जुर्माना देने से बच रही जॉनसनएंड जॉनसनकंपनी

बता दें कि साल 2018 में जॉनसन एंड जॉनसन पर मरीजों को खराब हिप इंप्लांट लगाने की वजह से जुर्माना लगाया गया था। इसी साल 7 मई को कंपनी ने अमेरिका की एक कोर्ट में एक बिलियन डॉलर का जुर्माना भरा। कंपनी के खिलाफ यहां करीब 6000 केस दायर हुए थे। कंपनी पर आरोप लगे थे कि साल 2003 से 2013 तक लोग घटिया हिप इंप्लांट के शिकार हुए। हालांकि भारत में इस मामले में स्पष्ट नियम न होने के चलते जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी मरीजों को जुर्माना देने से बच रही है।

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