सर्वप्रथम न्यूज़ : बिहार में दिव्यांगों को सबसे अधिक फायदा इस योजना से होगा दूरदराज रहने वाले दिव्यांग व्यक्तियों को सबसेे फायदा मिलेगा क्योंकि उनको पढ़ाई करने के लिए भी दूसरे पर आश्रित रहना पड़ता था उससे छुटकारा मिल जाएगा तोशियास सचिव सौरभ कुमार ने इस बात को दिव्यांगों की असुविधा देखते हुए प्रमुखता से उठाया था जिसमें जीत हुई दिव्यांग समाज की और केवल दिव्यांग समाज ही नहीं बल्कि इसका फायदा सभी समाजों को मिलेगा की मैट्रिक और इंटर की डिग्रियां मान्य होंगी। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संकल्प जारी कर दिया गया। संकल्प के मुताबिक भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय और विभिन्न राज्य सरकारों ने मुक्त विद्यालयों की स्थापना की है। छात्रों द्वारा इनसे प्राप्त डिग्री को उच्च शिक्षा के लिए प्रयोग किया जाता है। हालांकि राज्य सरकार के अधीन नियुक्तियों में कुछ अभ्यर्थियों द्वारा मुक्त विद्यालयों की डिग्री जमा की गई थी। पर बिहार सरकार के अधीन नौकरियों में इन संस्थानों द्वारा दी गई डिग्री की मान्यता को लेकर कोई स्पष्ट निर्णय था ही नहीं। इसके चलते दिक्कतें आ रही थीं।
सरकार के पास विचाराधीन था प्रस्ताव
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय और बिहार सहित दूसरे राज्यों द्वारा गठित मुक्त विद्यालयों की डिग्रियों को नौकरी में मान्यता देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचारधीन था। शिक्षा विभाग ने भी मुक्त विद्यालयों की मैट्रिक और इंटर की डिग्रियों को सामान्य बोर्ड की डिग्रियों के समकक्ष मानने की राय दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने इसे मान्यता देने का निर्णय लिया है।