सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : खाने-पीने के सामान और दवाओं की तरह गैस सिलेंडर (Gas cylinder) की भी एक्सपायरी डेट होती है और एक्सपायरी निकलने पर गैस सिलेंडर आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) के तहत भारत के हर परिवार को एलपीजी गैस कनेक्शन से जोड़ा जा रहा है. हालांकि महानगरों में तो अब काफी हद तक पीएनजी (पाइप वाली रसोई गैस- PNG) का इस्तेमाल होने लगा है, फिर भी बड़ी संख्या में घर ऐसे हैं जहां रसोई का चूल्हा गैस सिलेंडर (Gas cylinder) से ही जलता है.
भले ही हर घर में रोजाना गैस सिलेंडर (Gas cylinder) का इस्तेमाल होता हो, लेकिन सिलेंडर (cylinder) से जुड़ी तमाम बातें ऐसी हैं, जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. जैसे- खाने-पीने के सामान और दवाओं की तरह गैस सिलेंडर (Gas cylinder) की भी एक्सपायरी डेट होती है और एक्सपायरी (Gas Cylinder Expiry Date) निकलने पर गैस सिलेंडर आपके लिए खतरनाक हो सकता है.
कुछ ऐसी ही जानकारियों के बारे में यहां बताया जा है-
गैस सिलेंडर की एक्सपायरी
जब भी आप एजेंसी से या फिर डिलीवरीमैन से गैस सिलेंडर (Gas cylinder) लें तो उस पर छपी हुई एक्सपायरी की तारीख (Gas Cylinder Expiry Date) जरूर देख लें. एक्सपायरी डेट (Expiry Date) के बाद सिलेंडर पर लगी सील की पकड़ कमजोर होने लगती है और सिलेंडर से गैस लीक होने लगती है और सिलेंडर फटने का डर बना रहता है. एक्सपायर सिलेंडरों की तेल कंपनियां फिर से जांच करती हैं और जांच करके सिलेंडर पर नई तारीख डाली जाती है.
ऐसे पहचानें एक्सपायरी डेट
एक्सपायरी डेट (Expiry Date) एक कोड में होती है. इस कोड में सिलेंडर के एक्सपायर होने का महीना और साल लिखा होता है. गैस कंपनियां पूरे साल को चार हिस्सों में बांट देती हैं. जनवरी-फरवरी-मार्च तक के लिए ए (A) अप्रैल-मई-जून का कोड है बी (B), जुलाई-अगस्त-सितंबर का कोड होता है सी (C) और अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर का कोड होता है डी (D).