सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : विश्व में प्रत्येक वर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। जोनास सॉक ने पोलियो के खिलाफ़ वैक्सीन का विकास किया था। यह दिवस उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2016 में इस दिवस का मुख्य विषय-‘एक दिन एक फोकसः पोलियो समाप्त’ था। और वर्ष 2019 के लिए इसका विषय वन डे, वन फोकस: एंडिंग पोलियो है। भारत सरकार ने वर्ष 1995 में पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरूआत की। 27 मार्च, 2014 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया।
विश्व पोलियो दिवस का उद्देश्य:
इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना है। पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। इस बीमारी का शिकार अधिकांशत: बच्चे होते हैं। पोलियो को ‘पोलियोमाइलाइटिस’ या ‘शिशु अंगघात’ भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जिससे कई राष्ट्र बुरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। हालांकि विश्व के अधिकतर देशों से पोलियो का खात्मा पूरी तरह से हो चुका है, लेकिन अभी भी विश्व के कई देशों से यह बीमारी जड़ से खत्म नहीं हो पायी है।
विश्व पोलियो दिवस 2019:
विश्व पोलियो दिवस गुरुवार 24 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा। पोलियो टीकाकरण और पोलियो उन्मूलन के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस को मनया जाता है। रोटरी क्लब ऑफ ओल्डमल्ड्रम, स्कॉटलैंड का एक छोटा सा शहर गांव, बैंगनी रंग के साथ टाउन हॉल में मनया जाएगा। एक तरह से रंग टीकाकरण अभियान का समर्थन करता है, क्योंकि जो टीके लगाए जाते हैं, अपनी छोटी उंगली को बैंगनी रंग में डुबोना पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार, 21 अक्टूबर को एक बयान जारी किया कि यह वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) के लिए समर्थन जुटाने के लिए मिस्र की राजधानी काहिरा शहर में कार्यक्रम आयोजित करेगा। डब्लूएचओ सहयोगियों की मदद से सरकार, राजनीतिक नेताओं और समुदायों तक पहुंच बना रहा है ताकि उन्हें अभियानों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। टाइप -3 पोलियो वायरस के सफल उन्मूलन की घोषणा करने वाली एक घोषणा भी इस विश्व पोलियो दिवस के रूप में होने की उम्मीद है। इस बीच, भारत में पोलियो ड्राइव का आयोजन अस्पतालों, स्कूलों और सहयोगी संगठनों द्वारा किया जाता है। समुदायों को टीकाकरण की सरल विधि के बारे में सूचित किया जाएगा और यह उन्हें आजीवन विकलांगता से कैसे बचाता है।
पोलियो क्या है?
पोलियो के बारे में मुख्य तथ्य निम्नलिखित है:
- पोलियो एक वायरल संक्रमण रोग है, जो कि अपनी प्रकृति में संक्रामक है तथा अति गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई एवं अपरिवर्तनीय पक्षाघात का कारण बनता है।
- यह रोग वन्य पोलियो वायरस के कारण होता है।
- यह वायरस व्यक्ति से व्यक्ति में मुख्य रूप से मल के माध्यम से फैलता है या बेहद कम स्तर पर सामान्य माध्यमों (जैसे कि दूषित भोजन एवं पानी) के माध्यम से फैलता है तथा आंत में पनपता है।
- यह रोग मुख्यत: 5 वर्ष की आयु से कम उम्र के सभी बच्चों को प्रभावित करता है।
- यदि एक बच्चा भी पोलियो से संक्रमित होता है, तो देश के सभी बच्चों को पोलियो से पीड़ित होने का ख़तरा होता हैं।
- पोलियो को केवल रोका जा सकता है, क्योंकि पोलियो का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है।
- पोलियो वैक्सीन की निर्धारित ख़ुराक से बच्चे को जीवन भर के लिए पोलियो से सुरक्षित किया जा सकता है।
- पोलियो से दो प्रकार का टीकाकरण सुरक्षित करता हैं। पहला मौखिक टीका है, जिसे मौखिक तौर पर यानि कि दवाई के रूप में पिलाया जाता है तथा दूसरा निष्क्रिय पोलियो वायरस टीका है, जिसे रोगी की उम्र के आधार पर हाथ या पैर में लगाया जाता है।
वैक्सीन का आविष्कार:
प्रति वर्ष ’24 अक्तूबर’ को ‘विश्व पोलियो दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी महीने में जोनास सॉक का जन्म हुआ था। जोनास सॉक वर्ष 1955 में पहली पोलियो वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। पोलियो रोधक दवा की कुछ बूंदे बच्चों को पिलाई जाती हैं। कई देशों में पोलियो से निजात दिलाने के लिए यह वैक्सीन बहुत महत्त्वपूर्ण साबित हुई है।
पोलियो के लक्षण:
पोलियो की बीमारी में मरीज़ की स्थिति वायरस की तीव्रता पर निर्भर करती है। अधिकतर स्थितियों में पोलियो के लक्षण ‘फ्लू’ जैसै ही होते हैं, लेकिन इसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार होते हैं-
- पेट में दर्द होना।
- उल्टियाँ आना।
- गले में दर्द।
- सिर में तेज़ दर्द।
- तेज़ बुखार।
- खाना निगलने में कठिनाई होना।
- जटिल स्थितियों में हृदय की मांस-पेशियों में सूजन आ जाती है।
- बाहों या पैरों में दर्द या ऐंठन।
- गर्दन और पीठ में ऐंठन।
पोलियो की रोकथाम:
पोलियो के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इस रोग को केवल टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। पोलियो टीकाकरण निर्धारित अनुसूची के अनुसार कई बार दिया जा सकता है। यह जीवनभर बच्चे की रक्षा करता हैं। वैक्सीन दो प्रकार के होते हैं, जो कि पोलियो से रक्षा करते हैं-निष्क्रिय पोलियो वायरस वैक्सीन (आईपीवी) एवं जीवित-तनु वैक्सीन मौखिक पोलियो वायरस वैक्सीन (ओपीवी)। मौखिक वैक्सीन को मौखिक रूप से दिया जाता है तथा निष्क्रिय पोलियो वायरस वैक्सीन को रोगी की उम्र के आधार पर हाथ या पैर में लगाया जाता है।