दिव्यांग छात्रों को बिहार में साइंस से 12वीं पास युवा खोल सकेंगे प्रदूषण जांच केंद्र

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :  दिव्यांग छात्रों को मिलेगा मौकाअब इंटर (विज्ञान) पास व्यक्ति भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते हैं। अब तक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या ऑटोमोबाइल में डिग्रीधारी या डिप्लोमाधारी ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र चला सकते थे, लेकिन केंद्रों की पर्याप्त संख्या में वृद्धि हो सके, इसके लिए इंटरमीडिएट या 12वीं कक्षा (विज्ञान के साथ) उत्तीर्ण विद्यार्थी को वाहन प्रदूषण जांच केंद्र पर रखे जाने का प्रावधान किया गया है। बिहार परिवहन विभाग ने बिहार मोटर नियमावली 1992 के नियमों में संशोधन किया है। इससे करीब 1000 से भी अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पटना के आसपास के हर प्रखंड सहित प्रदेशभर में 500 से अधिक नए केंद्र खोले जाएंगे। परिवहन विभाग जल्द ही वैकेंसी निकालेगा।

पर्याप्त मात्रा में खोले जाएंगे केंद्र
बिहार में अधिक से अधिक प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले अनुज्ञप्ति, नवीकरण, आवेदन सहित अन्य शुल्क में कमी की गई है। साथ ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों के लाइसेंस या लाइसेंस का रिन्यूअल आसानी से हो सके इसके लिए ऑनलाइन शुल्क जमा करने की व्यवस्था की गई है।

पुराने वाहन की वैधता छह माह: बीएस-4 या बीएस-6 की गाड़ियों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की वैधता अधिकतम एक साल की होगी। वहीं, पुराने वाहन के लिए अधिकतम 6 माह की अवधि के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। वर्तमान में यही सिस्टम लागू किया गया है। इसी के तहत लोगों को प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।

प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए शुल्क में कटौती 
– प्रदूषण जांच केंद्र की अनुज्ञप्ति निर्गत करने के लिए फीस – अब 5000 रुपये- पहले 12000 रुपये
– केंद्र की अनुज्ञप्ति का नवीकरण करने के लिए  फीस अब 5000
रुपया- पहले 12000 रु.
– द्वितीयक अनुज्ञप्ति निर्गत करने को पहले फीस-500 अब 500 रुपये
– प्रदूषण जांच केंद्र के अनुज्ञप्ति निर्गमन/नवीकरण करने हेतु आवेदन फीस- अब 1000 रु.- पहले 3000 रुपये

संजय अग्रवाल (सचिव, परिवहन विभाग) ने कहा- हर प्रखंड में एक वाहन प्रदूषण केंद्र होगा हर प्रखंड में कम से कम एक वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। पेट्रोल पंप, वाहन विक्रय केंद्र एवं सर्विस सेंटर में केंद्र खोलने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे स्थानीय विद्यार्थियों को रोजगार भी मिलेगा।

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