बिहार में सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब नये सत्र से रट्टामार पढ़ाई से मिलेगा छुटकारा!, ये है योजना

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नए सत्र से बिहार के सरकारी विद्यालयों की पुस्तकों के सभी पाठ में अगले सत्र से क्यूआर कोड रहेगा। किताबों के हर चैप्टर में यह कोड होगा। इस कोड को मोबाइल या कंप्यूटर में स्कैन कर उस चैप्टर के बारे में अथाह जानकारी हासिल की जा सकेगी। यहां तक कि उसके लिंक पर जाकर उससे संबंधित वीडियो को भी देखा जा सकेगा। इससे किताबों की सिर्फ रट्टामार पढ़ाई से बच्चों को छुटकारा मिलेगा।

छात्रों को अगर कोई पाठ समझ में नहीं आएगा तो वह क्यूआर कोड के जरिये उसे समझने के लिए अन्य जानकारी हासिल कर सकेंगे। शिक्षकों को भी पढ़ाने में क्यूआर कोड से सहयोग मिलेगा। इतना ही नहीं, अभिभावक भी यदि अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और उन्हें वह पाठ ठीक से नहीं समझ आ रही है तो वह क्यूआर कोड से जानकारी हासिल कर बच्चों को आसानी से समझा सकते हैं। राज्य कोर टीम के सदस्य प्रतिनिधि और टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज  कि इसका उद्देश्य है बच्चे विषयों की जड़ तक जाकर उस बारे में जानकारी हासिल कर सके।

कुछ किताबों से होगी शुरुआत
एक से 12 वीं कक्षा की किताबों में यह क्यूआर कोड रहेगा। पहले चरण में जिन किताबों में यह क्यूआर कोड देना है, उसमें से कुछ की तैयारी पूरी हो चुकी है। पांचवीं और आठवीं कक्षा को छोड़कर पहली से 10वीं कक्षा तक हिन्दी की किताबों में यह क्यूआर कोर्ड रहेगा। वहीं कक्षा तीन से पांचवीं तक ईवीएस और छह से 10वीं तक साइंस की किताबों में यह क्यूआर कोड होगा।

अन्य विषयों की भी तैयारी
नए सत्र से यह किताबें लागू हो जाएंगी। यह व्यवस्था अन्य विषयों की किताबों में भी की जा रही है। केन्द्र सरकार की दीक्षा पोर्टल ही एनसीईआरटी की मदद से इस व्यवस्था को लॉन्च कर रही है। इसे लेकर एनसीईआरटी और बिहार शिक्षा परियोजना सहित अन्य विभागों के अधिकारी बैठक कर चुके हैं।

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