दिव्यांग प्रमाण पत्र के नाम पर कान और गला से दिव्यांगों के साथ जांच के नाम पर हो रहा है अन्याय

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग अधिनियम 2016 का खुलेआम हो रहा है उल्लंघन दिव्यांगों को दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में लग रहे हैं पैसे दिव्यांगजन के सर्कुलर में यह साफ लिखा हुआ है की दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में एक भी रुपया खर्च नहीं होता है लेकिन मान लीजिए की कोई गला से या कान से दिव्यांग है और उसे दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाना है तो उसके लिए कुछ स्पेशल जांच करवाना होता है जो सरकारी अस्पताल में उसका मशीन मौजूद है और वह इसीलिए दिया गया है कि कोई दिव्यांग या पीड़ित आते हैं तो उसका आप जांच कीजिएगा उनसे पैसा नहीं दीजिएगा उनका दिव्यांग प्रणाम पत्र बना दीजिएगा लेकिन खुलेआम पटना में रेड क्रॉस सोसाइटी गांधी मैदान में उस जांच के लिए दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए ₹800 मांगे जाते हैं जो गलत है और यहां पर दिव्यांग अधिनियम 2016 का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है यह सब हो रहा है जब हमारा दिव्यांग अधिनियम में दंड का प्रावधान है उसके बाद भी लोक खुलेआम तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए उसकी जांच के लिए सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल तक पैसे मांगते हैं जो मशीन सरकार ने दिव्यांगों के लिए पीड़ितों के लिए संस्थान को बिल्कुल निशुल्क प्रदान करवाया है उस जांच के लिए खुलेआम पैसे लिए जा रहे हैं और इस पैसे का कोई हिसाब सरकार को नहीं दिया जा रहा है तो यह पैसे खर्च कहां हो रहा है जो दिव्यांग महज ₹400 पेंशन पाते हैं वह दिव्यांग अपना दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए और उसकी जांच के लिए जो जांच सर्कुलर के अनुसार निशुल्क होना चाहिए अगर उस जांच में ₹800 लग रहे हैं तो यह दिव्यांग को कर्जदार बना रहे हैं और सर्कुलर का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी से एवं भारत सरकार सामाजिक कल्याण एवं अधिकारिता मंत्रालय से या अनुरोध करते हैं किस प्रकार की कालाबाजारी को बंद किया जाए और दिव्यांगों को उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकार से जुड़ने के लिए एक सार्थक प्रयास किया जाए।

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