प्रधानमंत्री जी ने मनाया दिव्यांगों के साथ 2020 का लीप ईयर डे

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सामाजिक अधिकारिता शिविर के अंतर्गत आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए शनिवार को संगमनगरी पहुंचे। मंच पर उन्होंने खुद अपने हाथ से कुछ दिव्यांगों को उपकरण व कृत्रिम अंग प्रदान किए। इसके अलावा कार्यक्रम में कुल 26874 दिव्यांगजनों और वृद्धों को कृतिम उपकरण वितरित किए गए। पीएम मोदी ने कहा कि दिव्यांगों पर अगर कोई अत्याचार करता है, उन्हें परेशान करता है, तो इससे जुड़े नियमों को सख्त किया है। दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाए.।सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है।

कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, उत्तर प्रदेश के दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा सहित कई मंत्री उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने पहले की सरकारों में दिव्यांगों के लिए बहुत कम कैम्प आयोजित होने का हवाला देते हुए कहा कि पिछली सरकारों में इस तरह के मेगा कैंप गिनती के होते थे। बीते पांच साल में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 9000 कैंप लगवाए हैं। पिछली सरकार के पांच साल में जहां दिव्यांगों को 380 करोड़ रुपये से भी कम के उपकरण बांटे गए, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ रुपये से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं। यानि करीब-करीब ढाई गुना उपकरण दिव्यांगों को दिए गए हैं।

शिक्षा संस्थानों में दिव्यांगों को आरक्षण बढ़ाकर किया 5 फीसदी :

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाई गई हैं। जो बची हुई हैं, उन्हें भी सुगम्य भारत अभियान से जोड़ा जा रहा है। ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ यह हुआ है कि पहले दिव्यांगों की जो 7 अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दी गई। उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए भी उनका आऱक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। अपने दिव्यांग साथियों का कौशल विकास भी हमारी प्राथमिकता रही है।

वितरित उपकरण दिव्यांगों के बुलंद हौसले के सहयोगी:

प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां करीब 27 हजार साथियों को उपकरण दिए गए हैं। किसी को ट्रायसाइकिल मिली है, किसी को सुनने की मशीन मिली है, व्हीलचेयर मिली है। ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां. न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः! यानी सरकार का ये दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले। यही सोच तो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र का भी आधार है। चाहे वह वरिष्ठ जन हों, दिव्यांगजन हों, आदिवासी हों, दलित-पीड़ित, शोषित, वंचित हों, 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना, उनकी सेवा करना, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

तीर्थराज में आकर होता है अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास:

तीर्थराज प्रयागराज में आकर हमेशा ही एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल फरवरी में लगभग यही समय था, जब मैं कुम्भ के दौरान यहां आया था। आपके प्रधान सेवक के तौर पर मुझे हजारों दिव्यांगजनों और बुजुर्गों की सेवा करने का अभी अवसर मिला है।

शनिवार के विशाल शिविर में एडीआईपी योजना के तहत 10,406 दिव्यांगजनों और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों (बीपीएल श्रेणी के) को विभिन्न श्रेणियों के विभिन्न प्रकार के कुल 56,905 से अधिक सहायक यंत्र और उपकरण 26,874 लाभान्वितों को मुफ्त वितरित किए गए। इस आयोजन का उद्देश्य जिले के विशेष रूप से बीपीएल श्रेणी के दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के बीच उनके रोजमर्रा के जीवन के मुद्दों और सामाजिक-आर्थिक विकास के अन्य रास्ते कैसे उत्पन्न हों, उसके बारे में आम जनता के बीच जानकारी को बढ़ावा देना है। इनमें बाधा मुक्त आवागमन, विभिन्न प्रकार के दिव्‍यांगों के लिए आवश्यक सहायक यंत्र और उपकरण, स्वरोजगार के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमशीलता रोजगार अवसर के लिए आसान ऋण तक पहुंच शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कार्यक्रम को बताया दिव्यांगजनों का महाकुम्भ:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंंत्री के मार्गदर्शन में विगत वर्ष इसी समय प्रयागराज के भव्य और दिव्य कुम्भ ने अपना परचम पूरी दुनिया के सामने लहराया था। सैकड़ों वर्षों बाद प्रयागराज की पहचान ‘अक्षयवट’ श्रद्धालुजनों के लिए खुल पाया। मां गंगा की निर्मलधारा को देखने का दुर्लभ संयोग अगर हमें प्राप्त हो पाया तो यह प्रधानमंंत्री मोदी के नेतृत्व में ही संभव हो सका। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रयागराज में कुम्भ का सफल आयोजन करने के बाद हम लोग लगातार प्रगति के पथ पर हैं। प्रधानमंत्री आज दिव्यांजनों के बीच पधारे हैं, उनके कारण ही इनको समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिला है। प्रदेश में साढ़े दस लाख से अधिक दिव्यांगजन को पेंशन की राशि में इजाफा किया गया है। अब इनको मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्रदान की जा रही है। प्रयागराज में दिव्यांगजनों का यह महाकुम्भ विश्व में बड़ा संदेश देगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकलांग शब्द को दिव्यांग शब्द देकर उनका मान बढ़ाने के साथ उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का अवसर प्रदान किया है। आज दिव्यांगजनों को प्रदेश सरकार की ओर से पेंशन दी जा रही है। किसी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। शासन की योजना का लाभ सभी को समान रूप से मिल रहा है।

दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में लगातार बढ़ रहे आगे : थावर गहलौत

सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलौत ने ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम लोग दिव्यांग तथा वृद्धजनों के काम में आगे बढ़ रहे हैं। हमने प्रयागराज में तीन नये विश्व रिकार्ड कल ही बनाया है। अब देश के सभी दिव्यांग तथा वृद्धजनों को हमने ऐसा परिचय पत्र प्रदान करने का काम शुरू कर दिया है, जिसका लाभ उनको देश के हर राज्य में मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान मंच पर जाने से पहले प्रधानमंत्री ने तीन सौ दिव्यांगों से मन की बात करते हुए उनका हाल जाना। और सम्मान कर उनका मनोबल बढ़ाया। साथ ही फोटोग्राफी भी करायी। प्रधानमंत्री ने एक दिव्यांग बालक से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर दिव्यांग बेहद उत्साहित नजर आए। प्रधानमंत्री ने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन भी किया। उन्होंने बुजुर्ग दिव्यांगजनों से भी हालचाल पूछा,​ जिससे वह कृतज्ञ महसूस करते नजर आए।

प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में बने कई विश्व कीर्तिमान:

प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में संगम नगरी के नाम कई नए विश्व कीर्तिमान स्थापित किए गए। इनमें एक स्थान से सबसे ज्यादा उपकरण उपलब्ध कराना, सबसे ज्यादा कान की मशीन फिट करना, सबसे लंबी व्हीलचेयर की परेड और सबसे ज्यादा स्टिक देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। इन कीर्तिमानों को दर्ज करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 60 सदस्य टीम प्रयागराज पहले ही पहुंच गई थी। ये कीर्तिमान अब तक दुबई और अमेरिका जैसे देशों के नाम दर्ज हैं। इससे पहले शुक्रवार रात में ही एक विश्व रिकार्ड बनाया गया। इसमें 300 ट्राई साइकिलों पर सवार दिव्यांगजनों की 1.8 किमी परेड रही। यह रिकार्ड पहले यूनाइटेड अरब अमीरात के नाम था।

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