डॉक्टर शरतकुमार दीक्षित दिव्यांग होती अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल किया

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : डॉ० शरतकुमार दीक्षित (1930-जीवित) : कुशाग्रबुद्धि छात्र, डॉक्टर का पेशा अपनाया, कुशल शल्य चिकित्सक, भारत में निःशुल्क प्लास्टिक सर्जरी कैंप हर वर्ष लगाए, जीवन के मध्य में भयंकर विकलांगता के शिकार, मानव-सेवा का व्रत फिर भी नहीं टूटा, अपनी आय का बड़ा हिस्सा नवीन शोध और भारत में प्लास्टिक सर्जरी कैंप कॉपीराइट की लगाने में खर्च। प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) का मतलब है – “शरीर के किसी हिस्से को ठीक करना।” प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) में प्लास्टिक का उपयोग नहीं होता है। सर्जरी के पहले जुड़ा प्लास्टिक ग्रीक शब्द-“प्लास्टिको” से आया है। ग्रीक में “प्लास्टिको” का अर्थ होता है बनाना या तैयार करना।प्लास्टिक सर्जरी की पहली पुस्तक है सुश्रुत संहिता जो संस्कृत भाषा में है। सुश्रुत संहिता मुख्य रूप से शल्य-चिकित्सा का ही ग्रंथ है। यह पाँच खण्डों में बटा हुआ है। पहले खण्ड में 46, दूसरे खण्ड में 16, तीसरे में 10, चौथे में 40 और पांचवे भाग में 8 अध्याय हैं। इस प्रकार सुश्रुत संहिता में कुल 120 अध्याय हैं। सुश्रुत संहिता में सर्जरी के लिए जरूरी औजारों यानि इंस्ट्रूमेंटस के बारे में भी बताया गया है। जैसे एक भालेनुमा आकृति के औजार हैं, जो टूटी हुई हड्डियों एवं अनावश्यक माँस को बाहर निकालने इस्तेमाल में लाया जाता था। ऐसे करीब 101 यंत्रों की जानकारी मिलती है, जिन्हें छह भागों में बांटा गया था। 1 स्वस्तिकयंत्र, 2 संदंशयंत्र, 3 तालयंत्र, 4 नाड़ीयंत्र, 5 शलाकायंत्र और 6 उपयंत्र।

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