सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांग लोगों के सशक्तिकरण को समर्पित एक अलग विभाग है। यह विभाग दिव्यांग लोगों के लिए एक विशिष्ट पहचान की शुरुआत करने में सहायक रहा है। इस परियोजना के तहत दिव्यांगों का राष्ट्रीय स्तर पर डाटा तैयार किया जाता है। यह विशिष्ट पहचान कार्यक्रम प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करता है। इस विभाग का प्रयोजन सरकार से मिलने वाले लाभों को पारदर्शिता और क्षमता के साथ दिव्यांग लोगों तक पहुंचाना है।सरकारी योजनाएं और दस्तावेजीकरण केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रोत्साहित स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा योजनाएं दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होती हैं। इनमें से कुछ ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम्स हैं, जिनमें कोई भी दिव्यांग व्यक्ति शामिल हो सकता है। इनमें से प्रत्येक के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट और उनकी दिव्यांगता की स्थिति से संबंधित दस्तावेज जमा करने की जरूरत होती है। कुछ दिव्यांगता जन्मजात होती हैं और कुछ जीवन में बाद में आती हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ लेते समय और बीमा पॉलिसी लेते समय इन्हें ध्यान में रखा जाता है।विशेष पॉलिसी जीवन एवं स्वास्थ्य संबंधी बीमा करने वाली कंपनियां दिव्यांग लोगों के लिए भी पॉलिसी जारी करती हैं। न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी स्वावलंबन हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम की पेशकश करती है, जिसे खासतौर से दिव्यांग लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस स्कीम के तहत बीमा लेने के इच्छुक व्यक्ति को एक बार में ही प्रीमियम का भुगतान करना होता है और वह उपचार के लिए किसी भी समय कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह पॉलिसी सिर्फ ऐसे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होती है, जिनकी पारिवारिक आय सालाना तीन लाख रुपये से कम हो।इसमें दिव्यांग व्यक्ति की स्थिति को लेकर कोई पूर्व शर्त नहीं है। इसका लक्ष्य दृष्टिहीनता, सुनने से संबंधित दिव्यांगता तथा मानसिक अस्वस्थता से पीड़ित दिव्यांगों को सस्ती दरों में बीमा उपलब्ध करवाना है। निरामय हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम का लक्ष्य सेरिब्रल पॉल्सी या ऑटिज्म या दिमागी दिव्यांगता या मल्टीपल डिसेबिलिटीज से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को बीमा उपलब्ध करवाना है। यह पॉलिसी निर्धारित सीमा तक आउटपेशेंट ट्रीटमेंट (बाह्य रोगियों के इलाज) का खर्च भी वहन करती है।प्रायः सभी जीवन बीमा कंपनियां दिव्यांगों के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध कराती हैं। ऐसे प्लान यह सुनिश्चित करते हैं कि यदि पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमाधारक के साथ कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट जाए, तो उसके द्वारा नामांकित व्यक्ति को बीमा की राशि मिल सके। ऐसा अपने प्रियजनों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। लेकिन बीमाधारक को पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर कोई लाभ नहीं मिलता। दिव्यांग व्यक्तियों को टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय यह देखना चाहिए कि यह क्या कवर कर रही है और इसका प्रीमियम कितना है। बीमा का पहला सिद्धांत यही है कि पॉलिसीधारक और बीमा करने वाले के बीच सद्भाव हो। इसका मतलब है कि दिव्यांग व्यक्ति को बीमा पॉलिसी लेते समय इंश्योरर को अपने स्वास्थ्य तथा अपनी दिव्यांगता से संबंधित सही जानकारी देनी चाहिए। इन जानकारियों के साथ मोहित अग्रवाल को सही बीमा कंपनी और सही पॉलिसी चुनने में मुश्किल नहीं आनी है।