रीढ दर्द अगर लगातार हो रहा है तो हो जाए सावधान क्योंकि यह बना सकता है आपको मानसिक दिव्यांग

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : चिंता के अलावा आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। हाल ही में मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक शोध में बताया है कि रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित 80% लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होती हैं।

ऐसा शोध

इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दो तरह के वयस्कों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। पहले जिन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट या परेशानी थी। इनकी संख्या 9 हजार से ज्यादा थी। अन्य जिन्हें ऐसी कोई समस्या नहीं थी। इनकी संख्या 10 लाख से अधिक थी।

वैज्ञानिकों ने पाया कि रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित लोगों को एंग्जाइटी डिसऑर्डर से लेकर नींद न आना और ब्रेन फॉग जैसी समस्याएं थीं। हालांकि चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं रीढ़ की हड्डी में चोट का परिणाम नहीं होती हैं, लेकिन स्वस्थ लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में ये रोग अधिक हो सकते हैं।

पुराना दर्द भी मानसिक बीमारियों का कारण बनता है

शोध में कहा गया है कि रीढ़ की हड्डी में पुराना दर्द यानी लंबे समय तक दर्द रहने से भी इंसानों में मानसिक रोग हो सकते हैं। कई लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं रीढ़ की हड्डी की चोट से नहीं बल्कि लंबे समय तक दर्द से देखने को मिलीं।

इन समस्याओं का समाधान क्या है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि डॉक्टरों को रीढ़ की हड्डी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए. यदि रोगी में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें रोग के उपचार के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

Check Also

भारतीय सांसद की कार्य का सच्चाई।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : भारतीय संसद में तीन साल में मंत्रियों …