सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : जी हाँ, दिव्यांग वो व्यक्ति होता है जिसके किसी एक शारीरिक अंग के बदले उसके किसी अन्य अंग में दिव्य शक्ति छुपी होती है और लगभग सभी दिव्यांगों में कोई न कोई दिव्य योग्यता होती ही है। ईश्वर ने यदि किसी को एक अंग या क्षमता से वंचित रखा है तो उसको किसी न किसी रूप में अन्य क्षमता भी प्रदान की होती है।
आइये अलग-अलग अंगों के आधार पर विकलांग और दिव्यांग में अंतर देखते है…
- जिसके हाथ न हो,वो दिव्यांग और जो हाथ होते हुए भी दूसरों की मदद के लिए न उठें,वो विकलांग।
- जिसके पैर न हो,वो दिव्यांग और जो पैर होते हुए भी गलत रास्ते पर चलें वो विकलांग।
- जिसकी आंखें न हो वो दिव्यांग और जो आंखे होते हुए भी बुराई को चुपचाप देखें वो विकलांग।
- जिसमें सुनने की क्षमता न हो वो दिव्यांग और जो किसी मजबूर,लाचार की पुकार सुनकर भी अनसुना करें वो विकलांग।
- विकलांग वो नहीं जो बोल नहीं सकता, विकलांग तो वो है जो जुबान होते हुए भी गलत के खिलाफ मौन रहता है।
- विकलांग वो नहीं जिनमें किसी अंग की कमी है,असली विकलांग तो वो हैं जिनके अंदर इंसानियत नहीं हैं।