सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान यूं तो पांच साल तक के बच्चे को ही स्वास्थ्यकर्मी तलाशते रहे हैं लेकिन अब बिहार में पोलियो की दवा पिलाने वाली टीम किशोरों की भी तलाश करेगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसा क्यों कर रही है? बिहार में किशोर टीकाकरण में छूट गए किशोरों की सही संख्या पता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर सर्वे का काम शुरू किया है। सर्वे 27 फरवरी से प्रारंभ हो चुका है और यह पांच मार्च तक जारी रहेगा। पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान में जुटी आशा और आंगनबाड़ी सेविकाएं इस कार्य में मदद कर रही हैं।राज्य में तीन जनवरी से किशोर टीकाकरण का अभियान प्रारंभ किया गया था। शुरुआती दौर में 26 जनवरी तक किशोरों को शत प्रतिशत टीकाकृत करने का लक्ष्य था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी 83.46 लाख के विरूद्ध एक मार्च तक 6735931 किशोरों का टीकाकरण हो पाया है। अब शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग ने नए सिरे से कवायद प्रारंभ की है।घर-घर जाकर सर्वे करेगी स्वास्थ्य विभाग की टीम जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने टीके से अब तक वंचित किशोरों की पहचान के लिए घर-घर सर्वे का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान देखा जाएगा कि कितने किशोरों ने अब तक वैक्सीन की एक डोज ली है और कितनों ने दोनों डोज। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि विभाग के आंकड़ों अलावा अन्य कितनी संख्या में किशोर टीकाकरण नहीं करा पाए हैं।किशोर टीकाकरण पर नए सिरे से रणनीति बनाएगा विभाग प्रखंड और पंचायतवार जिलों का आंकड़ा प्राप्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग नए सिरे से किशोर टीकाकरण का अभियान प्रारंभ करेगा। किशोरों को घर पर भी टीका देने की व्यवस्था पर विभाग विचार कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो 10 मार्च से यह किशोर टीकाकरण का विशेष अभियान शुरू करने पर मंथन हो रहा है। आपको बता दें कि राज्य में टीकाकरण का काम अपेक्षाकृत तेज गति से संपन्न हो रहा है।
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