सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :भोपाल सामाजिक न्याय की बात तो बहुत होती है लेकिन अकसर थर्ड जेंडर पीछे छूट जाते हैं. इस भेदभाव को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश में उभयलिंगियों (थर्ड जेंडर) को सरकारी स्कीम्स और नौकरी के आवेदन में तीसरे विकल्प के रूप में स्थान दिया जाएगा. यानी अब पढ़े-लिखे थर्ड जेंडर भी अपनी पहचान के साथ नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे.सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को पीएससी और व्यापमं के तहत होने वाली भर्ती परीक्षाओं के आवेदनों में थर्ड जेंडर्स का विकल्प देने के लिए प्रस्ताव भेजा था. अब जीएडी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत पहली बार प्रदेश में सरकारी भर्ती के आवेदन पत्र या फिर योजनाओं के आवेदन पत्रों में महिला पुरूष के अलावा थर्ड जेंडर का विकल्प मिलेगा.थर्ड जेंडर समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी गुहार मध्य प्रदेश में सरकारी भर्ती या योजनाओं में महिला व पुरूष का ही विकल्प रहता था. इसके चलते थर्ड जेंडर्स को मौका नहीं मिलता था. इसको लेकर थर्ड जेंडर समुदाय ने सुप्रीम कोर्ट तक याचिका लगाई थी कि उन्हें शासकीय भर्ती में आवेदन का अवसर दिया जाए. लिहाजा, सामाजिक न्याय विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के लिए शासन को पुरूष व महिला के बाद थर्ड जेंडर को तीसरे विकल्प में रखने का प्रस्ताव भेजा था.सरकारी योजनाओं से जुड़ने से थर्ड जेंडर भी समाज की मुख्यधारा में आएंगे सामाजिक न्याय व नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने बताया कि लोक सेवा आयोग व पीईबी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पुरूष महिला के बाद अब थर्ड जेंडर का भी तीसरा विकल्प उपलब्ध होगा. यह भले ही छोटा कदम है लेकिन सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम है. इस नई व्यवस्था से वे भी सरकारी योजनाओं से जुड़ेंगे और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सकेगा.
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