सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने डेढ़ हज़ार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे। देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के समाज की विकास यात्रा हजारों वर्षों की है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भारतीय समाज ने निरंतर प्रगति की है। देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए। युवाओं के लिए मातृभाषा में एकेडमिक सिस्टम भी बनाना होगा, कानून से जुड़े कोर्सेस मातृभाषा में हो,हमारे कानून सरल, सहज भाषा में लिखे जाएं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण केसेस की डिजिटल लाइब्रेरी स्थानीय भाषा में हो,इसके लिए हमें काम करना होगा।
Addressing the inaugural session of All India Conference of Law Ministers and Secretaries. https://t.co/sWk3fhHIIm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 15, 2022
इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान पीएम ने संविधान को सर्वोच्च बताया है। जी दरसल उन्होंने कहा, ‘हमारे देश की न्याय व्यवस्था के लिए संविधान ही सुप्रीम है, इसी संविधान की कोख से न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका, तीनों का जन्म हुआ है। सरकार हो, संसद हो, हमारी अदालतें हों, ये तीनों ही संविधान रूपी माता की संतान हैं।’