सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :2 वर्ष बीत गए लेकिन योजना का लाभ दिव्यांगों को नहीं मिला सरकार 10 शहरों में दिव्यांगों के लिए बाधा मुक्त वातावरण तैयार करेगी। जिन शहरों का चयन योजना के लिए किया जा रहा है वहां दिव्यांगों के लिए पार्क बनेंगे। पार्कों में झूले, स्लाइडर एवं मनोरंजन के अन्य साधन विकसित किए जाएंगे। सरकारी भवनों में रैंप बनेंगे। बस अड्डों पर स्टाप की व्यवस्था भी होगी। ये सभी कार्य सिपडा (विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम) के तहत होंगे। अलग-अलग विभागों को योजना का जिम्मा हाल ही में अलग-अलग विभागों की एक उच्च स्तरीय बैठक में सिपड़ा योजना के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा के दौरान अलग-अलग विभागों को दिव्यांगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए कई अहम काम सौंपे गए। जिन विभागों को जिम्मेदारी दी गई उनमें नगर विकास एवं आवास विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, समाज कल्याण विभाग के अलावा श्रम संसाधन जैसे दूसरे विभाग हैं।झूले, स्लाइडर एवं मनोरंजन के अन्य साधन विकसित किए जाएंगे अलग-अलग विभागों को कई योजनाओं का दिया गया जिम्मा योजना के लिए फिलहाल 10 शहरों का चयन दिव्यांगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए जिन शहरों का चयन किया गया उनमें आरा, छपरा, गया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, समस्तीपुर, सुपौल, पूर्णिया, भागलपुर और बेगूसराय हैं। पटना में यह कवायद पहले से चल रही है। सभी शहरों में विभागों की ओर से प्रस्तावित कार्यक्रमों को पूरा करना होगा और शहर में प्रभावी बनाना होगा।अलग-अलग विभागों को करने होंगे कई कार्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान विभागों को जो कार्य सौंपे, गए उसमें पथ निर्माण को सड़कों पर जेब्रा क्रासिंग बनाने, पैदल चलने वालों की राह में आने वाली बाधा दूर करने का काम सौंपा गया है। स्वास्थ्य विभाग मेडिकल कालेज से लेकर जिला व अनुमंडल अस्पतालों में रैंप साइनेज, दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय की व्यवस्था करेगा। इसी प्रकार नगर विकास एवं आवास विभाग सार्वजनिक स्थान पर दिव्यांग मित्र शौचालय बनाएगा, ह्वील चेयर की व्यवस्था करेगा, पार्कों का निर्माण कराएगा, अलग-अलग पार्कों का चयन भी करेगा। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन पार्कों में मनोरंजन के उपकरणों की और व्यवस्था करेगा। करीब 20 दिव्यांग मित्र बसों की खरीद भी होगी भवन निर्माण विभाग के अनुसार परिवहन विभाग को शहरों में दिव्यांगों की सुविधा के लिए बसें चलाने का जिम्मा दिया गया है। फैसले के अंतर्गत परिवहन विभाग कम से कम 20 दिव्यांग मित्र बसों की खरीद तो करेगा ही बस अड्डों को दिव्यांगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए विकसित भी करेगा। इसके अलावा अनुमंडल स्तर पर भी अलग से बसों की खरीद का प्रस्ताव विभाग देगा इस बैठक में तोशियास सचिव भी प्रमुख रूप से मौजूद और उन्हीं के सुझाव यह प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह योजना धरातल पर नहीं उतर सका सरकार की उदासीन रवैया के कारण दिव्यांग अपने लिखित और पारित नियमों से हो रहे वंचित नहीं मिल पाता योजना का लाभ।