डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल भारत के दिव्यांगों के लिए कहीं न कहीं वरदान साबित होगा

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल भारत के दिव्यांगों के लिए कहीं न कहीं वरदान साबित होगा जब से दिव्यांगों को संविधान में उचित स्थान प्राप्त हुआ है तभी से लेकर अब तक 99% कंपनी एवं संस्थाओं ने अपने फायदे के लिए समय-समय पर दिव्यांग का डॉक्यूमेंट कैसे आधार कार्ड पिन कार्ड दिव्यांग प्रमाण पत्र यूनिक डिसेबिलिटी लेकर झूठे प्रलोभन देकर अपना जेब भरने का काम की है इस कानून से हो सकता है की इस अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 3 दिसंबर 2022 को इस पर लगाम लग सके इसीलिए मैं भारत के सभी दिव्यांगों से निवेदन करता हूं कि अपने डॉक्यूमेंट को यूं ही किसी को ना दे और देने से पहले उसकी अच्छी तरीके से जानकारी प्राप्त करें की संबंधित संस्था एवं संबंधित कंपनी किस गाड़ी के उद्देश्य के लिए आपका डॉक्यूमेंट ले रही है और कितने दिनों में फायदा पहुंचाएगी और आपको लगता है कि आपके डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग हो सकता है तो इस कानून का मदद लीजिए तोशियास सचिव ने इस कानून को पारित करवाने के लिए 3 साल की अथक मेहनत की है ताकि दिव्यांगों को ठगी से बचाया जा सके जिसका परिणाम आपके सामने है प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है आप मेरी वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकते हैं आइए जानते हैं क्या लिखा हुआ बिल में सरकार ने जारी किया डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट किसी भी तरह के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए बिल बिना कंज्यूमर की मर्जी के नहीं इस्तेमाल हो सकता डाटा कंपनियां हर डिजिटल नागरिक को साफ और आसान भाषा में सारी जानकारी देनी होगी किसी भी समय ग्राहक अपना Consent वापस ले सकता है गलत इस्तेमाल पर 250 करोड़ तक की पेनल्टी का प्रावधान सरकार चाहे तो राष्ट्रहित में एजेंसियों अथवा राज्यों को इसके एम्बिट से बाहर रख सकती है डाटा स्टोरेज के लिए सर्वर देश में या मित्र देशों में ही हो सकेगा ऐसे देशों की लिस्ट जल्द जारी करेगी सरकार सरकारी एजेंसियां और संस्थान असीमित समय तक रख सकेंगे डाटा।

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