सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 716 जिलों में 94.30 लाख ई-यूडीआईडी कार्ड बनाए जा चुके हैं।देश भर में दिव्यांगों के लिए जारी किए जा रहे यूडीआईडी कार्ड को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। आधिकारिक आंकड़ों में जानकारी दी गई है कि देश भर में जारी किए गए कुल 94 लाख यूडीआईडी पहचान पत्रों में से अब तक सिर्फ नौ पश्चिम बंगाल से बनाए गए हैं। विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी) दिव्यांग व्यक्तियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें दिए गए लाभों का लाभ उठाने में मदद करता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 716 जिलों में 94.30 लाख ई-यूडीआईडी कार्ड बनाए जा चुके हैं आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में सिर्फ नौ कार्ड बनाए गए हैं। हालांकि, यह ज्ञात नहीं है कि पश्चिम बंगाल में विकलांग लोगों के लिए कार्ड जारी करने की एक अलग योजना है या नहीं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वे कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने आगे बताया कि 50 शहरों में 25-50 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी भवनों का ऑडिट किया गया है और वहीं 1,314 भवनों के लिए 562.09 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। कुल 1,711 केंद्रीय और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी भवनों को अभिगम्यता की सुविधाओं के साथ प्रदान किया गया है, जिसमें राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के 611 भवन और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा रेट्रोफिटेड 1,100 केंद्र सरकार के भवन शामिल हैं क्या इससे सर्वांगीण विकास होगा या विनाश होगा जिस प्रकार से इस राज्य ने यूनिक डिसेबिलिटी के साथ आधिकारिक आंकड़े के साथ खिलवाड़ किया उससे भारतीय लिखित संविधान की मर्यादा को काफी ठेस पहुंचा है निश्चित तौर से यह दिव्यांगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है इस पर पहल करेगी तोशियास संस्था।
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