सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :DELED पास छात्रों के साथ बिहार सरकार कर रही है भेदभाव DELED पास छात्रों के साथ बिहार सरकार कर रही है भेदभाव क्योंकि स्टेट 2023 में सिर्फ b.ed वाले छात्रों को फॉर्म भरने का विकल्प दिया है जबकि डीएलएड पास छात्र ग्रेजुएशन एवं पीजी करके बैठे हुए हैं उन्हें भी मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि बिहार शिक्षक बहाली 2023 में प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में फॉर्म भरने का सिर्फ डीएलएड वालों को ही एलिजिबल माना गया है उसके बावजूद बिहार सरकार बीएड वालों को प्राथमिक शिक्षा के लिए फॉर्म मंगा है और फार्म भरवारा भी गया था अब उसका एग्जाम होने वाला है उसकेएवज में माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है की प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बेसिक योग्यता b.Ed वालों के पास नहीं है बेसिक शिक्षा सिर्फ और सिर्फ डीएलएड वालों के पास है उसके बावजूद भी बिहार सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है या माननीय सुप्रीम कोर्ट का अवहेलना है जबकि हमारा देश एवं राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं उसके बावजूद भी b.Ed वालों को बिहार शिक्षक बहाली 2023 में प्राइमरी लेवल में योग्य माना है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे अयोग्य घोषित किया है साथ ही साथ सीटेट 2022 मैं जब परीक्षा केंद्र सरकार के द्वारा लिया गया था उसमें साफ-साफ लिखा गया था b.Ed वालों के लिए प्राथमिक लेवल का जो पेपर वन का एग्जाम होगा वह सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के आधार पर होगा परीक्षा लेने के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश b.Ed वालों के पक्ष में नहीं गया तो प्राइमरी लेवल का मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट अमान्य हो जाएगा अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार b.ed वाले का प्राइमरी लेवल का सीटेट सर्टिफिकेट अमान्य हो चुका है जिसमें सीबीएसई के द्वारा जोकि केंद्र सरकार के द्वारा परीक्षा लिया जाता है शिक्षक पात्रता परीक्षा प्राथमिक स्तर का वह सर्टिफिकेट b.Ed वालों का इनवैलिड हो गया है तो क्या बिहार सरकार इनवेलिड सर्टिफिकेट पर b.Ed वालों का बिहार शिक्षक बहाली 2023 प्राइमरी लेवल में योग्य मानेंगे क्योंकि स्टेट 2023 में सिर्फ b.ed वाले छात्रों को फॉर्म भरने का विकल्प दिया है जबकि डीएलएड पास छात्र ग्रेजुएशन एवं पीजी करके बैठे हुए हैं उन्हें भी मौका दिया जाना चाहिए क्योंकि बिहार शिक्षक बहाली 2023 में प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में फॉर्म भरने का सिर्फ डीएलएड वालों को ही एलिजिबल माना गया है उसके बावजूद बिहार सरकार बीएड वालों को प्राथमिक शिक्षा के लिए फॉर्म मंगा है और फार्म भरवारा भी गया था अब उसका एग्जाम होने वाला है उसकेएवज में माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है की प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए बेसिक योग्यता b.Ed वालों के पास नहीं है बेसिक शिक्षा सिर्फ और सिर्फ डीएलएड वालों के पास है उसके बावजूद भी बिहार सरकार अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है या माननीय सुप्रीम कोर्ट का अवहेलना है जबकि हमारा देश एवं राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं उसके बावजूद भी b.Ed वालों को बिहार शिक्षक बहाली 2023 में प्राइमरी लेवल में योग्य माना है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे अयोग्य घोषित किया है साथ ही साथ सीटेट 2022 मैं जब परीक्षा केंद्र सरकार के द्वारा लिया गया था उसमें साफ-साफ लिखा गया था b.Ed वालों के लिए प्राथमिक लेवल का जो पेपर वन का एग्जाम होगा वह सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के आधार पर होगा परीक्षा लेने के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश b.Ed वालों के पक्ष में नहीं गया तो प्राइमरी लेवल का मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट अमान्य हो जाएगा अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार b.ed वाले का प्राइमरी लेवल का सीटेट सर्टिफिकेट अमान्य हो चुका है जिसमें सीबीएसई के द्वारा जोकि केंद्र सरकार के द्वारा परीक्षा लिया जाता है शिक्षक पात्रता परीक्षा प्राथमिक स्तर का वह सर्टिफिकेट b.Ed वालों का इनवैलिड हो गया है तो क्या बिहार सरकार इनवेलिड सर्टिफिकेट पर b.Ed वालों का बिहार शिक्षक बहाली 2023 प्राइमरी लेवल में योग्य मानेंगे
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