सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : भारत के सभी राज्यों में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की धजिया उड़ाई जा रही है आरक्षण का पालन नहीं हो रहा दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की सबसे बड़ी विशेषता हंसी का पात्र बन चुका है खुलेआम विभाग उसकी धज्जियां उड़ा रहा है कहां गया दंड का प्रावधान अधिनियम बनते रहेंगे करोड़ों रुपए खर्च होते रहेंगे और दिव्यांग अपने संवैधानिक अधिकार के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम करते रहेंगे वर्तमान समय में बिहार सरकार के द्वारा बिहार कर्मचारी चयन आयोग पो०- वेटनरी कॉलेज, पटना-14 इंटर स्तरीय पदों पर नियुक्ति हेतु आयोजित की जानेवाली द्वितीय इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन संख्या-02/23 ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ होने की तिथि 27.09.2023 आवेदन की अंतिम तिथि – 11.11.2023 का फॉर्म विभाग के द्वारा निकल गया जिससे दिव्यांग विद्यार्थी फॉर्म भर रहे हैं उसमें विभाग के कर्मचारियों के द्वारा तुगलक की फरमान जारी किया जा रहा है तुगलक्की फरमान यह है कि जो भी दिव्यांग छात्र प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिया है या मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिया है उसका सर्टिफिकेट को मान्य नहीं माना जाएगा तब मान्य किसका सर्टिफिकेट माना जाएगा जो एक साधारण संस्था के द्वारा रजिस्ट्रेशन प्राप्त है या कोचिंग का साधारण रजिस्ट्रेशन लिया हुआ है उसका सर्टिफिकेट मान्य होगा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा ऐसा दिव्यांग छात्रों को कहा जा रहा है जो कहीं से भी जायज नहीं है और कहीं ना कहीं यह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जी का भी अपमान है जो राज्य और देश में सर्वोच्च पद पर बैठे हुए ऐसे चल रहा है भारत में अफसर शाही और बिहार में अफसर शाही जहां पर दिव्यांगों को उनके संवैधानिक अधिकार उनके मौलिक अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है दूसरी घटना बिहार से ही संबंधित है यहां पर भी खुलेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है और दिव्यांग अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है बिहार सरकार बिहार तकनीकी सेवा आयोग, 19, हार्डिंग रोड, पटना। विज्ञापन सं०-48 / 2023 में 12 सौ नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की गई 2023 में अक्टूबर माह में जिसमे चार विभिन्न पदों पर छात्रों की नियुक्ति करनी है जिसमें दो पदों पर दिव्यांग छात्र अपना आवेदन दे सकते हैं और दो पदों पर वह अपना आवेदन नहीं दे सकते वह उनके योग्य पद्य नहीं है लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम कहता है की मान लीजिए चार पद है जिसमें से दो पदों पर ही दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत नियुक्ति हो सकती है तो इस दो पद पर चार आरक्षण दिया जाएगा और उसे खाली नहीं छोड़ा जाएगा लेकिन ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है और यहां भी खुलेआम दिव्यांग अधिकार अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है साथ ही साथ अभी शिक्षा विभाग के द्वारा 1 से 5 कक्षा के गुरु जी की नियुक्ति हुई है जिसमें कुल सीट बिहार में 80000 था जिसमें से दिव्यांगों की नियुक्ति 4% करना था लेकिन 0.5% नियुक्ति ही हो पाया है बाकी सभी सीट खाली है उदाहरण के लिए बिहार के जमुई जिला में 40 सीट मौजूद थे दिव्यांगों के लिए जिसमें 10 सीटों पर ही दिव्यांगों की नियुक्ति हो पाई है बाकी 30 सीट खाली है यही स्थिति आमतौर पर सभी जिलों की है जहां पर छात्र मौजूद नहीं होते हैं वहां पर सीट बैकलॉक में जाता है लेकिन जहां पर छात्र मौजूद होते हैं वहां पर परसेंटेज को घटाया जाता है क्या घटकर सभी दिव्यांग छात्रों को लिया जाएगा जो दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 में लिखित है और वर्णित है लेकिन इसके लिए कोई आदेश अभी तक शिक्षा विभाग के द्वारा जारी नहीं किया गया है तो यहां भी दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 का धजिया ही उड़ाया जाएगा इसलिए इस समस्या को लेकर व्यापक स्तर से सरकार से जवाब तलब करेंगे तोशियास के दिव्यांग छात्र ताकि भ्रष्टाचार समाप्त हो सके और रोजगार को पा कर वह आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन सके।
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