सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : अब सर्जरी या लिंग परिवर्तन करवाकर पुरुष से महिला बनी कोई भी खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाएगी। दुनियाभर में क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने अपने नियमों में बड़े बदलाव करते हुए मंगलवार को इसकी घोषणा की। आईसीसी ने बताया कि बैठक में बड़े नीतिगत फैसले लेते हुए उन क्रिकेटरों को इंटरनेशनल महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो ‘मेल प्यूबर्टी’ (पुरुषों में किशोरावस्था में होने वाला शारीरिक/लैंगिक बदलाव) हासिल कर चुके हैं।आईसीसी ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय ले रहा है। आईसीसी ने यहां जारी बयान में कहा, ‘महिलाओं के खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन। इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला बनने वाले प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार की ‘मेल प्यूबर्टी’ से गुजर चुके हैं वे सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।’दरअसल, 29 वर्षीय बल्लेबाज मैकगैही मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया की हैं, लेकिन 2020 में कनाडा चली गईं और 2021 में सर्जरी करवाकर पुरुष से महिला बन गईं। सितंबर 2023 में वह महिला टी-20 क्वालीफायर में कनाडा के लिए खेली और 2024 में होने वाली टी-20 विश्व कप में भी खेलना चाहती थीं। मैकगैही ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए पुरुष से महिला में परिवर्तन के लिए लिंग पात्रता मानदंड को पूरा किया था, जो उस समय लागू था। उन्होंने अब तक छह टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें 19.66 की औसत और 95.93 की स्ट्राइक रेट से 118 रन बनाए हैं।आईसीसी ने कहा, ‘यह फैसला डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है। यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता के मामले में प्रत्येक सदस्य बोर्ड का अपना कानून होगा। इस नियम की दो साल के अंदर समीक्षा की जाएगी।’
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