राष्ट्रीय महिला कोष-एक परिचय

सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-

परिचय

महिलाओं के लिए राष्ट्रीय क्रेडिट फंड या राष्ट्रीय महिला कोष (RMK) की स्थापना मार्च 1993 में भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के तहत महिला तथा बाल विकास विभाग द्वारा एक स्वतंत्र पंजीकृत सोसाइटी के रूप में की गई थी। इसके तहत आरंभिक कोष की आरंभिक सीमा रु. 310,000,000 थी। इसका उद्देश्य बैंकिंग सेक्टर को विस्थापित करना नहीं, बल्कि गरीबों और बैंकिंग क्षेत्र के बीच के अंतराल को कम करना है।

उद्देश्य

इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

गरीब महिलाओं को आमदनी सृजन के कार्यों के लिए या संपत्ति निर्माण के लिए लघु-ऋण प्रदान करना या इस प्रावधान को बढ़ावा देना।

  • एक अर्ध-अनौपचारिक आपूर्ति प्रणाली को अपनाना, जो ग्राहक उन्मुख हो, सरल और न्यूनतम प्रक्रियायों वाली हो, धन की आपूर्ति तुरंत और बार-बार करती हो, जिस तक पहुंचना लोचशील हो,जो ऋण के साथ मितव्ययिता तथा बचत को बढ़ावा देती हो और जो उधार कर्ता तथा उधारदाता दोनों के लिए कम से कम लेन-देन लागत वाली हो।
  • महिला संगठनों में मितव्ययिता तथा बचत व ऋण के प्रभावी इस्तेमाल में सहभागी तरीका दिखाना और उसे दोहराना।
  • समूह अवधारणा तथा ऋण प्रावधानों का महिला सशक्तीकरण, सामाजिक-आर्थिक बदलाव तथा विकास के एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करना।
  • कोष के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिएभारत सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रशासन,ऋण संस्थानों, औद्योगिक व व्यावसायिक संगठन, गैरसरकारी संगठन व अन्य के साथ सहयोग करना तथा सहयोग पाना।
  • गरीब महिलाओं के लिए लघु-वित्त क्षेत्र वाले सरकारी तथा गैर-सरकारी क्षेत्रों की उपरोक्त एजेंसियों के बीच अनुभव तथा सूचनाओं का प्रसार करना।
  • कोष के उद्देश्यों को प्रोत्साहित करने के लिए सहायता राशि, दान, ऋण इत्यादि प्राप्त करना।

कार्य

इस कोष के तीन मुख्य कार्य हैं:

बहुविध कार्य

  • यह सरकार व दानकर्ता से लेकर इंटरमीडिएट माइक्रोफाइनेंस ऑर्गेनाइजेशन (IMOs) से कोष प्राप्त करने में थोक कार्य करने वाले शीर्ष संगठन के रूप में कार्य करता है।
  • कोष ने अब तक केवल एक बार अनुदान के रूप में सरकार से धन की प्राप्ति किया है और इसे किसी अन्य स्रोत से धन इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं हुई।

मार्केट विकास भूमिका

  • नए तथा मौजूदा पर गैर-अनुभवी IMOs को इंसेंटिव, तकनीकी हस्तांतरण, स्ताफ ट्रेनिंग व अन्य गैर-वित्तीय सेवाओं के जरिए संस्थान निर्माण सहायता प्रदान कर यह लघु वित्त बाजार का आपूर्ति हिस्से का विकास करता है।
  • [कोष यह मानता है कि यह केवल तभी मूल्य वर्धित थोक कार्य कर सकता है, जब एक पर्याप्त रूप से बड़ा और सुस्थापित लघु वित्त सेक्टर पहले से मौजूद हो- यह IMOs तथा IMOs के निरंतरता पर निर्भर करता है, अनुदान संस्थान निर्माण किसी IMO के शेयर को उतना ही बढ़ाता है जितना ग्रांट बढ़ाता है; IMO को बड़ा तथा अपरिपक्व कोष हस्तांतरण से किसी भी संस्थान निर्माण प्रयास की प्रभावशीलता कम हो सकती है।].

समर्थन भूमिका

जिसके द्वारा राष्ट्रीय महिला कोश विकास तथा लघु वित्त नीति को प्रभावित करने में तथा एक अधिक सक्षम नीति व भारत में लघु- वित्त क्रियाकलापों के प्रसार के लिए कानूनी वातावरण बनाने के लिए एक समर्थक या एजेंट के रूप में कार्य करता है। एक निर्माण तथा सरकार का एक प्रतिनिधि होने के नाते राष्ट्रीय महिला कोश को इस क्षेत्र का एक विशेष लाभ प्राप्त हो।

Check Also

भारतीय सांसद की कार्य का सच्चाई।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : भारतीय संसद में तीन साल में मंत्रियों …