सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : सवर्ण आरक्षण की घोषणा होते ही 10 प्रतिशत का लाभ लेने के लिए सदर अंचल कार्यालय में लंबी कतार लग गई। दस दिन में बनने वाले इस प्रमाण पत्र के लिए महीनों लगने लगे। इसे देख यहां दलाल भी सक्रिय हो गए। दलालों ने मुफ्त में बनने वाले इस प्रमाण पत्र की कीमत तीन हजार रुपए तय की है। कतार में परेशान लोगों को यह खुलेआम दावा करते हैं कि रुपए खर्च कीजिए, दस दिन के बजाय पांच दिन में ही प्रमाण पत्र आपको दिलवा देंगे। आय और निवास प्रमाण पत्र भी हाथोंहाथ बनवा देंगे। कैमरे में कैद हुए दलालों ने ऐसे राज खोले, जिन्हें जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
जिलाधिकारी कार्यालय से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर सदर अंचल कार्यालय में हर दिन सवर्ण आरक्षण का प्रमाण पत्र बनने की लंबी कतार लगती है। सुबह से लेकर शाम तक लोग कतार में लगे रहते हैं फिर भी प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। ऐसी शिकायतें लगातार के पास आ रहीं थी। रिपोर्टर ने तीन दिन तक कार्यालय में जाकर हाल जाना तो मामला चौंकाने वाला सामने आया। कतार में लगे लोगों को सर्वर डाउन का बहाना बनाकर अगले दिन आने को कह दिया जा रहा था, वहीं दलाल हाथों हाथ काम करवाने के लिए खड़े रहते हैं।
नि:शुल्क है सेवा
पटना सदर अंचल कार्यालय के जनसेवा केंद्र में जाति, आय, निवास और सवर्ण आरक्षण के प्रमाण पत्र के साथ अन्य काम के लिए एजेंसी लगाई गई है। यहां सात काउंटर बनाए गए हैं। दाखिल खारिज से लेकर हर काम के लिए अलग-अलग काउंटर निर्धारित हैं। प्रमाण पत्र के आवेदन पत्र परिसर में मिलते हैं। प्रमाण पत्र नि:शुल्क होता है और 10 कार्य दिवस के अंदर इसे जारी कर देना होता है, जबकि लोगों को कई सप्ताह बीतने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं।
सीधे सवाल
रिपोर्टर ने सदर अंचल कार्यालय के बाहर आधा दर्जन दलालों से बात की। आप भी देखिए किस तरह होता है सौदा-
रिपोर्टर: सवर्ण आरक्षण प्रमाण बनवाना है?
दलाल: बन जाएगा, तीन हजार रुपए दीजिए चार दिन में मिल जाएगा।
रिपोर्टर: निवास और आय के लिए कितना लगेगा?
दलाल: दोनों का चार सौ रुपए देना होगा।
रिपोर्टर: अगर जाति प्रमाण पत्र बनवाना हो तो?
दलाल: ओबीसी वाले के लिए पांच सौ रुपए लगेंगे।