दिव्यांग बीए, बीकॉम, बीएससी में भी कर सकेंगे वोकेशनल की पढ़ाई, मिलेगा कैंपस प्लेसमेंट

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग इंजीनियरिंग की तर्ज पर अब बीए, बीकॉम और बीएससी के छात्रों को भी डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई के दौरान ही रोजगार मिल सकेगा। केंद्र सरकार जनरल डिग्री प्रोग्राम के छात्रों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से उनके कोर्स में 20 से 35 फीसदी वोकेशनल पाठ्यक्रम शामिल करने की तैयारी कर रही है। इसमें छात्रों को मार्केट डिमांड के आधार पर कौशल विकास के साथ ट्रेनिंग भी मिलेगी। ताकि पासआउट होने से पहले छात्र कैंपस प्लेसमेंट ले सकें या फिर वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।

केंद्र सरकार ने इस योजना का खाका राज्यों समेत सभी विश्वविद्यालयों के साथ साझा किया है और उनसे सुझाव भी मांगे हैं।

किस तरह चलाया जाएगा नया पाठ्यक्रम

  • केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इंजीनियरिंग डिग्री प्रोग्राम की तर्ज पर नॉन टेक्निकल और नॉन प्रोफेशनल डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम में वोकेशनल पाठ्यक्रम जुड़ेगा।
  • अभी तक 100 फीसदी किताबी ज्ञान ही छात्रों को दिया जाता है। इस योजना के चलते कोर्स से संबंधित यह सिर्फ 65 फीसदी रह जाएगा। 20 से 35 फीसदी प्रैक्टिल व ट्रेनिंग वर्क रहेगा।
  • वोकेशनल पाठ्यक्रम की पढ़ाई मूक या स्वयं के  माध्यम से कराई जाएगी।
  • इसके लिए बाकायदा कालेजों में वोकेशनल शिक्षक तैनात किए जाएंगे, जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार देगी।
  • बीए, बीकॉम व बीएससी में पढ़ाए जाने वाले विषयों के साथ उन्हें आईटी, मैथेमेटिकल्स व सॉफ्ट स्किल आदि कोर्स में दक्ष किया किया जाएगा।
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2017-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्नातक डिग्री प्रोग्राम में महज 25.8 फीसदी विद्यार्थी ही पढ़ाई करते हैं। इनमें से भी काफी बड़ी संख्या में छात्र स्नातक डिग्री के बीच विभिन्न कारणों के चलते पढ़ाई छोड़ देते हैं। सरकार इसी आंकड़े को 2024 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 44 फीसदी पहुंचाना चाहती है। छात्रों को पढ़ाई से जोड़े रखने के साथ उन्हें रोजगार का प्लेटफॉर्म मुहैया कराना उद्देश्य है।

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