सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग शिक्षकों को लोक डाउन के समय कोरोना महामारी के समय आपदा प्रबंधन नियम एवं संवैधानिक नियमों के अनुसार उन्हें या हक मिलना चाहिए उनका कई महीनों का वेतन भी बाकी है पर बिहार सरकार सभी नियमों को खुलेआम उल्लंघन कर रही है जो असंवैधानिक है संविधान में इसका विशेष उल्लेख मिलता है
राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों एवं उनपर आश्रित लगभग 20 लाख परिवार के सदस्यों के प्रति पूरे मंत्रिमंडल की चुप्पी खतरनाक और मानव विरोधी है.
वेतन पर केवल कमाने वाले का ही हक नहीं होता, बल्कि उसके परिवार का भी हक कर्मियों से ज्यादा बनता है. यह अर्न्तराष्ट्रीय श्रम संगठन का भी मान्य सिद्धान्त है और भारत सरकार तथा भारतीय संविधान की धारा-38 भी हर पुरूष और स्त्री के लिए समान वेतन का निदेश देता है. बिहार सरकार इन निदेशों का उल्लंघन कर घोर अपराध कर रही है.