सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : बिमारी पकड़ने के लिए जांच जरूरी है। बगैर जांच डॉक्टर साहब भी बीमारी नहीं पकड़पा लिखी जा रही है। घड़ले से पैथोलॉजी में जांच हो रही है और जांच ऐसे लोग कर रहे हैं, जो खुद फर्जी है। सरकार ने मान्यता नहीं दी है और ये लोग जांच रिपोर्ट बांट रहे हैं।जी हाँ, यह सब कुछ हो रहा है गया जिले में एक-दो नहीं 71 प्रतिशत पैथोलॉजी लैब अवैध है। ऐसा सिविल सर्जन भी मान रहे हैं। गया में अवैध पैथोलॉजी धड़ल्ले से जांच कर रहे है।मरीजों के साथ खिलवाड़ डॉक्टर और पैथोलॉजी लैब के रिश्ते गहरे हैं। दोनों एक-दूसरे पर आश्रित है। इलाज के लिए सटीक जांच चाहिए, लेकिन गया जिले में पैथोलॉजिकल जांच के नाम पर खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। ऐसे-ऐसे पैथोलॉजी है, जिनके पास कोई अभी तक रजिस्टर्ड नहीं है, अवैध है, लेकिन जांच परजांच रिपोट बांट रहे हैं।कुल 215 कागजात नहीं है। पैथलॉजी लैबो रहे हैं। इसलिए जांच-जांच पर की सूची में 152 अवैध जिले में कुल 215 पैथोलॉजी लैब है, जिसमें से 152 अवैध है और सिर्फ 63 वैध है। सिविल सर्जन ऑफिस खुद इसे स्वीकार कर रहा है। आरटीआई एक्टिविस्टरंजीत ने गया सिविल सर्जन से सूचना मांगी थी। इसमें बताया गया कि जिले के 71 प्रतिशत पैथोलॉजी लैब अवैध है।बिना रजिस्टर्ड लैब बांट रहे जांच रिपोर्ट जिले में कुल कितने पैथोलॉजी हैं, कितने वैध है और कितने अवैध है, इसकी पूरी जानकारी सिविल सर्जन ऑफिस को है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रही है। रजिस्टर्ड हुए बगैर पैथोलॉजी लैब घडले से जांच रिपोर्ट बांट रहे हैं। एक तरफ मरीजों के जान जोखिम में डाल रहे हाईकोर्ट के पास सूची, फिर भी कार्रवाई नहीं एक पीआईएल के बाद पटना हाईकोर्ट ने सभी पैथोलॉजी लैबो की सूची मांगी थी। जनवरी 2020 में गया जिले से कुल 97 पैथोलॉजी लैब की सूची सौंपी गई थी। लेकिन 29 जनवरी 2022 को आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार अब पैथोलॉजी लैबो की संख्या बढ़ कर 215 हो गई है, जिसमें यह भी स्पष्ट बताया गया है कि 152 अवैध है और सिर्फ 63 वैध है। हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद सरकार ने सभी अवैध पैथोलॉजी और नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश दिया था कि मानव के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन सारे आदेश घरे के घरे रह गए है। आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं, तो दूसरी तरफ राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिहार नैदानिक स्थापना (रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन) एक्ट 2010 और नियम 20-125 18 के प्रावधानों के तहत सभी निजी नर्सिंग होम/ जांच घर/पैथेलॉजिस्ट को रजिस्ट्रेशन कराना था। आय के नाम पर खुलेआम 5 के लिखने पर मैंने जांडिस के लिए बिलस्दीन सिरम जांच कराई। एक लैब ने कहा, बढ़ गया है दूसरे लैब ने कहा, बहुत बढ़ गया और तीसरे ने कहा कि सब नॉर्मल है। मैने केस किया। सिविल कोर्ट से वारंट निकला, लेकिन आज तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ। रंजीत कुमार, चितआरटीआई एस्ट गया।नियमानुसार सभी पैथोलॉजी है। इसके लिए आदेश जारी है। लेकिन अभी भी बहुत लोग रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं। ऐसे में इन लोगों पर कार्रवाई होगी। इससे मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
जिंदगी दांव पर, 71% पैथोलॉजी अवैध
-कमल किशोर राय, सिविल सर्जन