सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांगों व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 24 (1)2016 अधिनियम की धारा 24 सामाजिक सुरक्षा से संबंधित है और धारा 24 (1) कहती है, “उचित सरकार अपनी आर्थिक क्षमता और विकास की सीमा के भीतर पर्याप्त मानक के लिए विकलांग व्यक्तियों के अधिकार की रक्षा और प्रचार करने के लिए आवश्यक योजनाएं और कार्यक्रम तैयार करेगी।” उन्हें स्वतंत्र रूप से या समुदाय में रहने में सक्षम बनाने के लिए जीवनयापन: बशर्ते कि ऐसी योजनाओं और कार्यक्रमों के तहत विकलांग व्यक्तियों को सहायता की मात्रा दूसरों पर लागू समान योजनाओं की तुलना में कम से कम 25 प्रतिशत अधिक होगी को कि अधिनियम की धारा 24 (1) के प्रावधान में कहा गया है कि विकलांग व्यक्तियों को समान सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अतिरिक्त राशि प्रदान की जानी चाहिए। जब यह प्रावधान पूरे भारत में लागू है और संवैधानिक रूप से यह लिखित है और वर्णित है तो दिव्यांगों के लिए जितनी भी योजना चलाई जाती है केंद्र सरकार के द्वारा उसमें 25% अधिक क्यों नहीं दिया जाता है जैसे आवास योजना हुआ पेंशन योजना शिक्षा की योजना हुई सबल योजना है कोई भी योजना अंत्योदय योजना हो या उदाहरण के लिए कोई भी योजना के लिए चलाई जाती है उसमें इस बात का विशेष ख्याल क्यों नहीं रखा जाता है इस सरकारी सर्कुलर का पालन क्यों नहीं किया जाता है नौकरियों में इस आरक्षण का पालन क्यों नहीं किया जाता है इसलिए निवेदन करना चाहेंगे इस पर पहल करते हुए और निर्देश दिए जाएं जिससे कि भारत का दिव्यांगों का कल्याण हो सके साथ ही साथ हम यह भी बताना चाहेंगे कि इस बात पर तो कोर्ट ने भी अपनी सहमति जताती की दिव्यांगों के साथ भारत में गलत हो रहा दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 का पालन नहीं हो रहा इस सर्कुलर की धज्जियां उड़ाई जा रही है इसलिए इसका पालन किया जाए इसका पालन क्यों नहीं किया जाता एक राष्ट्र एक पेंशन क्यों नहीं है साथ ही साथ सभी योजनाओं में 25% अधिक क्यों नहीं दिया जाता है केंद्र सरकार इस पर विशेष पहल करें ताकि भारत का दिव्यांग अपना संवैधानिक अधिकार से जुड़ सके यहां पर भारतीय साक्ष्य का कानून धारा 74 धारा 75 धारा 76 एवं सरकारी आदेश का दुरुपयोग हुआ जिसमें धारा 188 के तहत दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की जा सकती है साथ ही साथ दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 का उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा और 6 लाख जुर्माना लगाया जाए ताकि दिव्यांगों को उनके संविधान का अधिकार से कोई वंचित न कर सके दिव्यांगों को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित करने का अधिकार आम दिव्यांग को किसने दिया साथ ही साथ में यह पूछना चाहूंगा की जो कानून भारतीय संविधान में पारित है और लागू है इसका लाभ भारत के दिव्यांगों को क्यों नहीं मिल पा रहा या काफी निंदनीय विषय इस पर गंभीरता से विचार करें भारत सरकार पर संबंधित सभी विभागों को जहां से दिव्यांगों का एक भी योजना और आरक्षण प्राप्त होता है वहां शक्ति से निर्देश दिए जाएं दिव्यांगों को समानता का अधिकार देखें उसी के संवैधानिक अधिकार लिखित अधिकार में उसको विषमता और जटिलता की ओर नहीं भेजा जाए।
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