बिहार में 2800 वार्डों में नल जल अनुरक्षक की बहाली में दिव्यांगों को जगह नहीं

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : बिहार में 2800 वार्डों में नल जल अनुरक्षक की बहाली की जा रही है लेकिन वहां दिव्यांग अधिनियम 2016 का खुलेआम उल्लंघन हुआ है यह वैकेंसी प्रधानमंत्री जी के प्रमुख योजनाओं में से एक है और यह माननीय मुख्यमंत्री जी के सात निश्चय योजनाओं में से एक है लेकिन मैं माननीय प्रधानमंत्री और माननीय मुख्यमंत्री जी से यह पूछना चाहता हूं कि आपकी प्रमुख योजनाओं में से दिव्यांगों को क्यों अलग कर दिया गया है किया यह दिव्यांग समाज आपके समाज का एक अंग नहीं है क्या आरक्षण शब्द का शुरुआत जिस व्यक्ति से हुआ उसे पानी पिलाने का भी पद नहीं दिया जा सकता मैं उस समय की बात कर रहा हूं जब 21वीं सदी में यह कहा जाता है नॉलेज इज द पावर और हमारा समाज बिहार में 44 लाख है जिसमें 2% दिव्यांग पढ़े लिखे हैं और वैकेंसी में कोई लिखित एग्जाम नहीं होगा तो ऐसी स्थिति में क्या दिव्यांगों को उनके नौकरियों में जो भारत सरकार ने 4% आरक्षण एवं नीतीश कुमार जी ने 5% आरक्षण प्रदान किया है वह उन्हें नहीं मिलना चाहिए जब 2% पढ़े लिखे हैं और 98% कम पढ़े लिखे हैं तो ऐसी स्थिति में ऐसे नौकरियों से भी दिव्यांगों को नहीं जोड़ा जाएगा तो किस नौकरी से जोड़ा जाएगा यह सोचने की बात आखिर 98% को रोजगार कैसे मिल पाएगा और क्यों दिव्यांग अधिनियम 2016 लागू होने के बाद भी सभी जगह से नौकरियों के आरक्षण से दिव्यांगों को वंचित किया जा रहा है जबकि हमारे सर्कुलर का पालन करवाने के लिए हर विभाग में 3 कर्मी नियुक्त है फिर भी ना जाने क्यों हमारा दिव्यांग अधिनियम पूर्णता भारत में पालन नहीं हो रहा है आखिर क्यों इसके पीछे क्या कारण है किसके लिए कर्मियों को 40000 की सैलरी प्रदान की जाती है और वैकेंसी में हमारे आरक्षण को ही गायब कर दिया जाता है तो उन कर्मियों से हमें क्या फायदा हो रहा है यह सोचने की बात यह तब हो रहा है जब हमारा दिव्यांग अधिनियम 2016 लागू है और उसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की नौकरी के लिए कोई किसी को छल नहीं सकता है और दिव्यांग अधिनियम में किसी प्रकार की त्रुटि पाई गई एवं उसका पालन नहीं हो पाया तो उत्तरदाई पदाधिकारियों पर दंड का प्रावधान मुआवजे का प्रावधान है फिर भी ना जाने क्यों खुलेआम हमारे नियमों की अनदेखी हो रही है आखिर क्यों तोशियास संस्था ने दिव्यांगों आरक्षण को बचानेे के इस अनियमितता को सरकार के सामने प्रमुखता सेे उठाया हैऔर समाधान की बात की है ।

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