दिव्यांग अपराध एवं दंड इस अधिनियम के अंतर्गत कारित किए जाने वाले अपराधों के लिए क्या दंड निर्धारित किए गए है

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :अपराध एवं दंड इस अधिनियम के अंतर्गत कारित किए जाने वाले अपराधों के लिए क्या दंड निर्धारित किए गए है अधिनियम के अधीन प्रावधानों अथवा नियमों के पहले उल्लंघन के लिए 10 हजार रूपये तक का जुर्माना तथा उत्तरवर्ती उल्लंघन हेतु पचास हजार रूपये से पांच लाख रूपये तक का जुर्माना । यदि एक कंपनी अपराध कारित करती है और यह साबित हो जाता है कि अपराध निदेशक अथवा अन्य अधिकारी की सहमति, मौन सहमति अथवा लापरवाही के कारण हुआ है तो ऐसी कंपनी अथवा अधिकारी को दोषी माना जाएगा तथा उनके खिलाफ कार्रवाई किये जाने के लिए उत्तरदायी होंगे तथा तदनुसार ही उसे दंडित किया जाएगा। मानक दिव्यांगता धारक व्यक्तियों के लिए निर्धारित सुविधाओं का कपटपूर्वक लाभ उठाने के लिए दो साल तक की सजा अथवा एक लाख रूपये तक का जुर्माना व दोनों से दंडित किया जाएगा।दिव्यांग व्यक्ति को सार्वजनिक  दृष्टि से अपमानित करने, डराने व नीचा दिखाने  के लिए, किसी दिव्यांग महिला पर उसे अपमानित करने और उसकी लज्जामंग करने के इरादे से उसे अपमानित करने और उस पर बल प्रयोग करने के लिए, खाना-पीना देने से इनकार करने, यौनशोषण करने, शारीरिक क्षति पहुंचाने,किसी अंग अथवा भावना अथवा अन्य किसी सहायक उपकरण की सहायता से उसे नुकसान पहुंचाने अथवा हस्तक्षेप करने के लिए, बिना उसकी व्यक्तं सहमति के किसी ऐसी मेडिकल प्रक्रिया को, प्रदर्शित, क्रियान्वित करने अथवा ऐसी प्रक्रिया करने हेतु निर्देशित करने जिससे गर्भावस्था की समाप्ति हो जाए अथवा बिना किसी संरक्षक और बिना किसी पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिसनर्स की राय के ऐसा करने के लिए कम से कम 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है जिसे
जुर्माने सहित पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है जानबूझकर किसी पुस्तक, लेखा या अन्य दस्तावेज को प्रस्तुत करने में असफल रहने अथवा कोई विवरण, सूचना अथवा ब्यौरा प्रस्तुत न कर पाने के लिए 37 दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 प्रत्येक अपराध हेतु पच्चीस हजार रुपये तक का जुर्माना तथा लगातार असफल व इनकार करने की स्थिति में आगे एक हजार रुपये प्रतिदिन की दर से मूल आदेश द्वारा दंड दिये जाने की दिनांक से आगे देय होगा जिसका व्यापक उल्लेख 2016 अधिनियम में प्राप्त होता है।

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