दिव्यांग भ्रष्ट्राचार उन्मूलन के लिए पुरस्कार योजना

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग भ्रष्ट्राचार उन्मूलन के लिए पुरस्कार योजना भ्रष्टाचार से लोकसेवकों के पास अर्जित अवैध सम्पत्ती के अधिग्रहण के लिए भारत “बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009” प्रवृत की गई है।भ्रष्टाचार की सूचना देने के आधार पर दर्ज कांडो मे आरोप पत्र समर्पित होने पर सूचनाकर्ता को नगद राशि देकर पुरस्कृत करने का प्रावधान है।इसके अधीन कोई भी नागरिक जो सरकारी राशि के गबन या धपले को जानकारी देगा तथा उस जानकारी पर आपराधिक कांड दर्ज होता है। तो वैसे मामले में सूचक को न्यूनतम 50 1000/- एवं अधिकतम रू0 50,000/- की राशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी। अगर मामला के विचारण के बाद
अभियुक्तों को दंडित किया जाता है तो वैसी स्थिति में इस तरह के मामले में सूचक के द्वारा दी गयी सूचना के आधार पर सरकार को जिस राशि की बचत होती है अथवा वसूली जाती है उसका 2 प्रतिशत जिसकी अधिकतम राशि रू05,00,000/- (पाँच लाख रूपये) है सूचक को दिया जाता है।लोक सेवक के द्वारा ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक अर्जित की गयी सम्पति की सही जानकारीदेने वाले को भी पुरस्कृत किया जायेगा । यदि उनके द्वारा दीगयी सूचना के आधार पर प्रत्यानुपातिक धनार्जन का मामला अंकित होता है तथा उसमें न्यायालय में आरोप पत्र दायर होता है। यह राशि न्यूनतम रू0 1000/- एवं अधिकतम रू0 50,000 होगी इस प्रकार की जानकारी देने वाले व्यक्तियों का नाम गोपनीय रखा जायेगा। गैर सरकारी गवाहों को उनके सामान्य निवास स्थान से न्यायालय तक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से आने-जाने के लिये वास्तविक किराया देय होगा । रेलवे से आने पर शयनयान/द्वितीय श्रेणी तक की समतुल्य राशि PNR संख्या/टिकट की छाया प्रति देने पर देय होगा । इसी प्रकार बस का किराया भी मिलेगा साथ ही अधिकतम दो दिनों के लिए प्रत्येक दिन रू0 200/- (दो सौ रूपये) दैनिक खर्च भी भुगतान होगा।

Check Also

दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 क्या है दिव्यांगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना हुआ आसान।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : रांची झारखंड की राजधानी रांची में …