50 मीटर दूर खोले जाएं नए पेट्रोल पंप स्कूलों, अस्पतालों और घरों से

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : पर्यावरण पर पेट्रोल पंपों के खराब असर को देखते हुए देश कीकेंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को कहा है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि नए पेट्रोल पंप स्कूलों, अस्पतालों और घरों से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर हों। केंद्रीय प्रदूषण नियामक बोर्ड ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें तेल कंपनियों को ऐसे पेट्रोल पंपों पर वेपर रिकवरी सिस्टम (वीआरएस) लगाने को कहा है जहां हर महीने तकरीबन 300 किलो लीटर तेल की बिक्री होती है।वेपर रिकवरी सिस्टम न लगवाने की स्थिति वीआरएस की कीमत के बराबर पर्यावरणीय जुर्माना लगाया जाएगा

उल्लंघन करने वालों पर लगेगा पर्यावरणीय जुर्माना

नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, वीआरएस न लगवाने की स्थिति में राज्य के प्रदूषण नियामक बोर्ड की तरफ से वीआरएस की कीमत के बराबर पर्यावरणीय जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद जितने समय तक आदेश का पालन नहीं होगा, उतने समय तक इस जुर्माने में इजाफा होता रहेगा। आईआईटी कानपुर, नेशनल इनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी), इ एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी), पेट्रोलियम और प्राकृति गैस मंत्रालय और सीपीसीबी के सदस्यों को मिलाकर बनाई गई एक कमेटी ने देश में नए पेट्रोल पंप लगाने के लिए गाइडलाइन जारी की है। यह एक्सपर्ट कमेटी एनजीटी के निर्देशों के बनाई गई है।

सुरक्षा के उपायों का हो प्रबंध

गाइडलाइन्स के मुताबिक, किसी स्कूल, अस्पताल या रेसिडेंशियल एरिया के 50 मीटर में रिटेल आउटलेट नहीं होना चाहिए। अगर 50 मीटर के अंदर पेट्रोल पंप हुआ तो पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय करने होंगे। लेकिन किसी भी हालत में स्कूल, अस्पताल या रेसिडेंशियल एरिया के 30 मीटर के अंदर पेट्रोल पंप नहीं होना चाहिए और रिटेल आउटलेट के ऊपर से कोई हाई-टेंशन लाइन नहीं गुजरनी चाहिए।

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