नए भारत के भविष्य की नींव तैयार करने वाली नई सौगात नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नई पहल जिनकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नए भारत के भविष्य की नींव तैयार करने वाली नई सौगात नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नई पहल जिनकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की विद्या प्रवेश कक्षा एक की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए नई नीति के सुझावों पर एनसीईआरटी द्वारा बच्चों के लिए तीन माह का स्कूल तैयारी मॉड्यूल-विद्या प्रवेश तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम में अक्षर, ध्वनि, शब्द,रंग, आकार और संख्या सीखने के लिए रोचक गतिविधिया है। इसके द्वारा बच्चों की पूर्व साक्षरता, पूर्व गणना और सामाजिक कौशल का विकास होगा।• इंडियन साइन लैंग्वेज 3 लाख से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें सांकेतिक भाषाओं की जरूरत होती है। इसे समझाते हुए भारतीय साइन लैंग्वेज को सब्जेक्ट का दर्जा दिया गया है। छात्र इसे भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे। हमारे दिव्यांग साथियों को मदद मिलेगी।निष्ठा 2.0 दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, ताकि शिक्षक बच्चों की प्रतिमा को परख कर विकसित कर सके। प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद अब निष्ठा अपने नवनिर्मित 68 मॉड्यूल द्वारा माध्यमिक स्तर के 10 लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए तैयार है।सफल(स्ट्रक्चर्ड असेसमेंट फॉर एनालिसिस लर्निंग) सीबीएसईके 25 हजार स्कूलों के वोड 3, 5 और 8 के 50 लाख बच्चों के लिए तैयार किया गया है। सफल का उपयोठा छात्रों के बीच मूलभूत कौशल और बुनियादी सीखने के परिणामों की प्रगति का आकलन करने के लिए किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसः यह नई दुनिया का ईधन है। भारत की एआई रणनीति समी के लिए सोचकर बनाई गई है। मंत्रालय, सीबीएसई, इंटेल इंडिया लेकर आया है एआई फॉर ऑलाइस कार्यक्रम को लगभग 4 घंटों में पूरा किया जा सकता है और यह 11 भाषाओं में उपलब्ध है। एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट यूजीसी ने इसे तैयार किया है। इसमें छात्र अपना अकादमिक खाता खोलेंगे। जिसमें उनके द्वारा अर्जित क्रेडिट जमा किए जाएंगे। छात्र अपने खाते में जमा क्रेडिट का उपयोग डिग्री लेने में कर पाएंगे। यूजीसी द्वारा मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।• क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग प्रोग्रामः इंजीनियरिंग के कोर्स का 11भारती भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए टूल डेवलप किया जा चुका है। राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज 5 भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु,मराठी और बाठला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।• उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरणः भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच परस्पर सहयोग बढ़े इसके लिए यूजीसी ने क्रेडिट ट्रांसफर के साथ उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच परस्पर जुड़ाव के लिए दिशानिर्देश दिया है। भारतीय छात्रों को ग्लोबल शिक्षा का लाभ मिलेगा,वहीं विदेशी छात्रों के आने से विदेशी पटल पर हमारी साख बढ़ेगी।• नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर डिजिटल फर्स्ट की सोच पर आधारित शिक्षा का सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। यह ओपेन स्पेस और ओपेन स्टैंडर्ड पर आधारित होगा ताकि राज्य, उद्यमी इसका इस्तेमाल करके इनोवेटिवरेडी एजुकेशन सोल्यूशन बनाएंगे। ये एक ऐसा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है, जहां टीचिंगा, लर्निंग, प्लानिंग, गवनेंस को एक साथ जोड़ा जाएगा। जिसका लाभ देश के हर स्कूल से लेकर कॉलेज के विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक ले सकते हैं।• नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम शिक्षा के विभिन्न आयामों में तकनीक के इस्तेमाल के लिए एक राष्ट्रीय मंच का निर्माण है। यहप्रशासन, शिक्षण, मूल्यांकन, नियोजन आदि आयामों में तकनीक केइस्तेमाल पर राज्य और केंद्र सरकार को परामर्श देगा। यह केजी से पीजी तक शिक्षण और सीखने के तरीके में रचनात्मक बदलाव लाएगा।

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